मानसून करीब आने के बाद भी कानपुर में सरकारी अफसर नहीं हुए अलर्ट, सड़कों की स्थिति जस की तस

Kanpur City Big Issue उच्चशिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार के निरीक्षण के बाद अफसरों ने परमियापुरवा नाला साफ करना शुरू किया है। ऐसे में जलभराव होने पर खतरनाक सड़क नहीं दिखेगी तो दुर्घटनाएं होंगी तब इसका कौन जिम्मेदार होगा?

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 07:42 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 07:42 PM (IST)
मानसून करीब आने के बाद भी कानपुर में सरकारी अफसर नहीं हुए अलर्ट, सड़कों की स्थिति जस की तस
कानपुर में सड़क की बदहाली को दर्शाती प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। प्री मानसून की दस्तक के बाद भी केडीए, नगर निगम, जलकल और पीडब्ल्यूडी विभाग सतर्क नहीं हुए हैं। शहर की खतरनाक सड़कों को अब तक मोटरेबल नहीं किया जा सका है। जगह-जगह खुले मेनहोल, नाले और गड्ढे भी ठीक कराने की कोई कवायद नहीं की जा रही है। अंत में इसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना होगा। खुले मेनहोल और नाले वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन सकते हैं। इस बार कोरोना का बहाना बनाकर अफसरों ने कोई कार्ययोजना नहीं तैयार की है। अफसरों की लापरवाही किसी और को नहीं जनता को भुगतनी पड़ेगी।

सिंहपुर से मैनावती मार्ग से होते हुए नवाबगंज और विकास नगर को जोड़ने वाली सड़क खोदी पड़ी है लेकिन छह माह से ज्यादा हो जाने के बाद भी दुरुस्त नहीं की गई है। इस रोड से गुजरने वाला परमियापुरवा नाला उच्चशिक्षा राज्यमंत्री नीलिमा कटियार के निरीक्षण के बाद अफसरों ने साफ करना शुरू किया है। ऐसे में जलभराव होने पर खतरनाक सड़क नहीं दिखेगी तो दुर्घटनाएं होंगी, तब इसका कौन जिम्मेदार होगा? एेसे ही विकास नगर, नवाबगंज, पीरोड, आनंद बाग, प्रेमनगर, फजलगंज, बाबूपुरवा समेत कई जगह सड़कें खोदी पड़ी हैं। मेनहोल तमाम जगह खुले पड़े हैं। इसके अलावा नालों को न तो बंद किया गया है और नहीं दीवार उठाई गई हैं, इसके चलते कई जगह खतरनाक हो चुकी हैं। अफसर केवल बैठकें करने में लगे हुए हैं। कार्रवाई कहीं नहीं हो रही हैं।

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