Good Work in Kanpur Police : बच्चियों को नंगे पैर देखकर थाना प्रभारी ने किया ऐसा काम, जिसकी हर तरफ हो रही वाहवाही
शनिवार और रविवार को लॉकडाउन होने के कारण वह शुक्रवार को परिवार के साथ घर जा रहे थे। बस से झकरकटी बस अड्डा पर उतरने के बाद वह फतेहपुर जाने के लिए टैपों से रामादेवी चौराहा जा रहे थे। रास्ते में टैपों खराब होने पर चालक ने वहीं उतार दिया
कानपुर, जेएनएन। किसी की मुस्कुराहटों पे हों निसार, किसी का दर्द मिल सके तो लें उधार, किसी के वास्ते हो तेरे दिल में प्यार, जीना इसी का नाम है। गीतकार शैलेंद्र का यह गीत शुक्रवार को लोगों को तब याद आया, जब चिलचिलाती धूप में परिवार के साथ पैदल जा रहीं तीन बच्चियों को देखकर चकेरी थाना प्रभारी ने उन्हें चप्पलें दिलाईं। साथ ही परिवार को खाना खिलाने के बाद उन्हें साधन से घर भिजवाया।
फतेहपुर निवासी मजदूर पत्नी और पांच बच्चों के साथ कन्नौज में रहकर मजदूरी करते हैं। दो दिन की साप्ताहिक बंदी होने से वह शुक्रवार को परिवार के साथ घर जा रहे थे। बस से झकरकटी बस अड्डा पर उतरने के बाद वह फतेहपुर जाने के लिए टेंपो से रामादेवी चौराहे जा रहे थे। इस दौरान रास्ते में टेंपो खराब होने पर चालक ने उन्हें वहीं उतार दिया। इसके बाद वह परिवार के साथ पैदल रामादेवी चौराहा जाने लगे।
इस दौरान क्षेत्र में गश्त कर रहे चकेरी थाना प्रभारी दधिबल तिवारी ने मजदूर की पांच से आठ साल की तीन बच्चियों को नंगे पैर धूप में चलते देखा तो उनका मन विचलित हुआ। उन्होंने परिवार को थाने ले जाकर पहले भोजन करवाया और तीनों बच्चियों को चप्पलें मंगाकर दीं। परिवार को रास्ते के लिए फल देकर घर भिजवाया। थाना प्रभारी दधिबल तिवारी ने बताया कि उन्होंने परिवार के साथ नंगे पैर घूप में जा रही तीन छोटी बच्चियों को देख उन्हें चप्पलें दिलाकर केवल मानवता का धर्म निभाया है।