सोने की तस्करी में पकड़े गए कैरियर ने खोला ये राज, इसलिए करते ये काम
हावड़ा से कानपुर आ रहा तस्करी का सोना पकड़े जाने के बाद कॅरियर से पूछताछ के बाद कस्टम टीम ने जांच शुरू की है।
कानपुर, जेएनएन। हावड़ा से कानपुर लाया जा रहा तस्करी का सोना एक बार फिर चंदौली में पकड़ लिया गया और तस्कर ने ऐसे राज खोले कि टीम भी चौंक गई। लखनऊ कस्टम की टीम जांच के लिए कानपुर आई और कैरियर द्वारा बताए सर्राफ की दुकान पर पहुंचकर पूछताछ की। इससे पहले भी कई बार कानपुर लाया जा रहा तस्करी का सोना पकड़ा जा चुका है।
सीमा सील होने से पहले ठिकाने लगा रहे माल
सहालग के चलते सोने की मांग बढ़ी है। ऐसे में तस्करों को लग रहा है कि सीमाएं सील होने से पहले माल ठिकाने लगा दिया जाए। इसीलिए सोने की तस्करी भी तेज हो गई है। कानपुर में बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते सोना आता है। सबसे मुफीद रास्ता बांग्लादेश से हावड़ा-मुगलसराय रूट है। यहीं से तस्करी का सोना कानपुर आता है। इसलिए कस्टम की नजर यहां हमेशा रहती है। पहले भी कई बार हावड़ा से ट्रेन से ला जा रहा सोना पकड़ा जा चुका है।
कैरियर ने खोला ये राज
शुक्रवार को प्रयागराज निवासी किशन कुमार को कस्टम विभाग की टीम ने दो किलो सोने के साथ पकड़ लिया। उसने बताया कि वह सोना कानपुर ले जा रहा था। तस्करी का सोना लाने पर एक किलो पर चार लाख रुपये से ज्यादा का लाभ होता है। यह धन पूरी चेन में उसके काम के हिसाब से बंटता है।
अधिक कस्टम ड्यूटी की वजह से होती है तस्करी
सोने पर 10 फीसद कस्टम ड्यूटी और तीन फीसद जीएसटी है। इस 13 फीसद टैक्स से सोने की कीमतें काफी बढ़ जाती हैं। इसे बचाने के लिए ही तस्करी होती है। सराफा कारोबारी कई बार कह चुके हैं कि कस्टम ड्यूटी कम हो जाए। जिससे तस्करी के सोने की आवक रुक जाएगी।
पहले भी पकड़ी गई खेप 30 जनवरी 2018 को 13 किलो सोने के साथ मुगलसराय स्टेशन पर जीआरपी ने हरजेंदर नगर निवासी महेंद्र कुमार बाजपेई को गिरफ्तार किया था। 30 नवंबर 2018 को कस्टम की टीम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेन से सात किलो सोने के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। वह हावड़ा से कानपुर सोना ला रहा था।
सीमा सील होने से पहले ठिकाने लगा रहे माल
सहालग के चलते सोने की मांग बढ़ी है। ऐसे में तस्करों को लग रहा है कि सीमाएं सील होने से पहले माल ठिकाने लगा दिया जाए। इसीलिए सोने की तस्करी भी तेज हो गई है। कानपुर में बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते सोना आता है। सबसे मुफीद रास्ता बांग्लादेश से हावड़ा-मुगलसराय रूट है। यहीं से तस्करी का सोना कानपुर आता है। इसलिए कस्टम की नजर यहां हमेशा रहती है। पहले भी कई बार हावड़ा से ट्रेन से ला जा रहा सोना पकड़ा जा चुका है।
कैरियर ने खोला ये राज
शुक्रवार को प्रयागराज निवासी किशन कुमार को कस्टम विभाग की टीम ने दो किलो सोने के साथ पकड़ लिया। उसने बताया कि वह सोना कानपुर ले जा रहा था। तस्करी का सोना लाने पर एक किलो पर चार लाख रुपये से ज्यादा का लाभ होता है। यह धन पूरी चेन में उसके काम के हिसाब से बंटता है।
अधिक कस्टम ड्यूटी की वजह से होती है तस्करी
सोने पर 10 फीसद कस्टम ड्यूटी और तीन फीसद जीएसटी है। इस 13 फीसद टैक्स से सोने की कीमतें काफी बढ़ जाती हैं। इसे बचाने के लिए ही तस्करी होती है। सराफा कारोबारी कई बार कह चुके हैं कि कस्टम ड्यूटी कम हो जाए। जिससे तस्करी के सोने की आवक रुक जाएगी।
पहले भी पकड़ी गई खेप 30 जनवरी 2018 को 13 किलो सोने के साथ मुगलसराय स्टेशन पर जीआरपी ने हरजेंदर नगर निवासी महेंद्र कुमार बाजपेई को गिरफ्तार किया था। 30 नवंबर 2018 को कस्टम की टीम ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन पर हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस ट्रेन से सात किलो सोने के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। वह हावड़ा से कानपुर सोना ला रहा था।