बीमारी में ज्यादा रुपये लगने से आहत होकर युवती ने खत्म की जिंदगी, साल का आता था एक लाख रूपये खर्चा
12 बजे वह अनवरगंज से ड्यूटी करके पिता वापस लौटे थे। उस वक्त बेटी कमरे में सो रही थी। सुबह बेटा गोलू और छोटी बेटी कशिश दवा देने के लिए कमरे में गई तो हिमांशू का शव छत के लोहे के एंगल से दुप्पट्टे से फंदे पर लटक रहा था
कानपुर, जेएनएन। बिधनू में एक युवती ने इस वजह से आत्महत्या कर अपनी जिंदगी खत्म ली, क्योंकि उसकी बीमारी में परिवार वालों का बहुत पैसा खर्च हो रहा था। उसने लोहे के एंगल में दुप्पट्टे के जरिए से फंासी लगा ली। कमरे में जाने पर परिवार वालों को इसकी जानकारी हुई। पुलिस आकर शव नीचे उतारा और शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दरअसल, युवती किसी मानसिक बीमारी से काफी समय ये पीडि़त थी। पूरा मामला कानुपर के बिधून का है।
इलाज से होने लगा था सुधार : बिधनू के गंगापुर निवासी सिक्योरिटी गार्ड मलखान सिंह यादव की 22 वर्षीय बेटी हिमांशू करीब दो साल से मानसिक बीमारी से पीडि़त थी। धीरे-धीरे वो ठीक भी होने लगी थी। पिता ने बताया कि हिमांशू की बीमारी हर वर्ष करीब एक लाख रुपये खर्च हो रहे थे। इलाज से उसकी हालत मेें पहले से काफी सुधार हो गया था। तब उसको पता चला कि इसके इलाज में हर साल एक लाख रुपये का खर्च आ रहा है। इस बात से वो काफी आहत हो गई। डॉक्टर के पास जाने के लिए मना करने लगी। कहती थी कोई जरूरत नहीं है जाने की।
बेटी का शव देख मां हो गई बेहोश : बुधवार रात करीब 12 बजे वह अनवरगंज से ड्यूटी करके पिता वापस लौटे थे। उस वक्त बेटी कमरे में सो रही थी। सुबह बेटा गोलू और छोटी बेटी कशिश दवा देने के लिए कमरे में गई तो हिमांशू का शव छत के लोहे के एंगल से दुप्पट्टे से फंदे पर लटक रहा था, जिस पर दोनों चीकते हुए कमरे से बाहर भागे। पुलिस को जानकारी दी। बेटी का देख मां गोलू गश खाकर गिर पड़ी। थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह ने बताया कि युवती के मानसिक रूप से बीमार होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।