हमीरपुर : दो घंटे स्ट्रेचर पर पड़ा रहा किशोरी का शव, नहीं मिला वाहन, चालक बोला...डीजल नहीं है

आनन फानन स्वजन उसे सीएचसी लेकर आए। जहां इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। संतोष के मुताबिक आर्थिक तंगी के कारण उसके पास शव को घर ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ लोगों के बताने पर उसने अस्पताल से शव वाहन की मांग की

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 07:05 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 07:05 PM (IST)
हमीरपुर : दो घंटे स्ट्रेचर पर पड़ा रहा किशोरी का शव, नहीं मिला वाहन, चालक बोला...डीजल नहीं है
राठ सीएचसी परिसर में खड़ा शव वाहन। जागरण

कानपुर, जेएनएन। हमीरपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को 15 वर्षीय किशोरी की बीमारी से मौत हो गई। शव वाहन के इंतजार में स्वजन घंटों खड़े रहे। चालक ने डीजल न होने पर इन्कार कर दिया। इमरजेंसी में तैनात डा. अजय चौरसिया के हस्तक्षेप के बाद शव वाहन मृत और उसके स्वजन को गांव छोडऩे को तैयार हुआ।

मझगवां निवासी संतोष कुमार ने बताया कि वह मजदूरी कर अपने परिवार का पोषण करता है। 15 वर्षीय पुत्री सीता कुछ समय पहले बीमारी से ग्रस्त हो गई। आर्थिक स्थिति खराब होने पर अच्छा इलाज नहीं करा पाए। गुरुवार को सीता की हालत अचानक बिगड़ गई।

आनन फानन स्वजन उसे सीएचसी लेकर आए। जहां इलाज दौरान उसकी मौत हो गई। संतोष के मुताबिक आर्थिक तंगी के कारण उसके पास शव को घर ले जाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ लोगों के बताने पर उसने अस्पताल से शव वाहन की मांग की, लेकिन चालक ने वाहन में डीजल न होने की बात कहते हुए मना कर दिया। करीब दो घंटे तक स्वजन इधर-उधर भटकते रहे।

इमरजेंसी में तैनात डॉ अजय चौरसिया ने स्वजन को भटकते देख शव वाहन की व्यवस्था कराई। इसके बाद स्वजन घर निकल गए। वहीं अस्पताल कर्मी ने नाम न प्रकाशित करने के आग्रह पर बताया कि ऐसे कई मौकों पर डीजल न होने की बात कहकर शव वाहन चालक अपनी मनमानी करते हैं। मरीजों के लिए सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक जेपी साहू ने बताया कि जानकारी होने पर स्वजन को शव वाहन तुरंत उपलब्ध करा दिया गया था। वहीं सीएमओ डा. आरके सचान ने बताया मामले की जानकारी मिली है। जांच कराने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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