केडीए की सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी योजना में पाए मनचाहा फ्लैट व 24 घंटे में मिलेगा आवंटन पत्र, जानिए कैसे
उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी योजना में शिविर का आयोजन किया है। 17 18 और 20 नवंबर को सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी विकास नगर में फ्लैट बिक्री शिविर लगाया जाएगा। शिविर में एलईडी के जरिए एक-एक फ्लैट की जानकारी आती रहेगी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। आवंटियों के लिए खुशखबरी है। केडीए विकास नगर में स्थित सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी योजना में बचे फ्लैट बेचने के लिए शिविर लगाकर कर बिक्री करने जा रहा है। शिविर में मनचाहा फ्लैट पा सकते है। 24 घंटे में केडीए आवंटन पत्र भी जारी कर देगा।
केडीए के योजनाओं में साढ़े पांच हजार से ज्यादा फ्लैट बिकने को बचे है। इसके लिए केडीए ने नए सिरे से तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर एक-एक योजना में बचे फ्लैट बेचने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर उपाध्यक्ष अरविंद सिंह ने सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी योजना में शिविर का आयोजन किया है। 17, 18 और 20 नवंबर को सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी विकास नगर में फ्लैट बिक्री शिविर लगाया जाएगा। शिविर में एलईडी लगी रहेगी इसमें बचे एक-एक फ्लैट की जानकारी आती रहेगी और कीमत भी दिखती रहेगी। साथ ही फ्लैट दिखाने की भी व्यवस्था की जाएगी। फ्लैट देखकर आवंटी मनचाहा फ्लैट चयन कर सकते है। मौके पर ही फ्लैट खरीदने का फार्म मिलेगा और धन जमा करने की सुविधा रहेगी। इसके लिए शिविर में बैंकों द्वारा काउंटर लगाए जाएगे। लोन लेने की व्यवस्था होगी। प्राधिकरण परिसर में बैंक के काउंटर पर डीडी सहित फार्म जमा करने के 24 घंटे के अन्दर आवेदक को उपलब्ध कराया जायेगा। पूर्ण धनराशि जमा करने पर आवेदक के पक्ष में रजिस्ट्री किये जाने की प्रक्रिया पूर्ण कर तुरन्त कब्जा दिये जाने की व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा जवाहरपुरम, शताब्दीनगर, केडीए हाईट्स कल्याणपुर, केडीए ग्रीन्स मैनावती मार्ग, हिमगिर शताब्दी नगर समेत अन्य योजनाओं में केडीए के साढ़े पांच हजार फ्लैट बिकने को बचे है। सिग्नेचर ग्रीन्स सिटी की तर्ज पर केडीए हर योजना में शिविर लगाएगी ताकि जल्द फ्लैट बिक सके। लगभग 12 अरब रुपये केडीए के फ्लैट में फंसे है। इसके अलावा केडीए सरकारी विभागों की बेकार पड़ी संपत्तियों का प्रयोग आवासीय योजना में करने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर सरकारी विभागों को पत्र भेजे जाएगे। सरकारी जर्जर भवनों को गिराकर उसमें पहले रहने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए फ्लैट बनाए जाएगे इसके बाद फ्लैट जो बनेगे उनको पहले विभाग के अफसरों व कर्मचारियों को बेचा जाएगा।