बिकरू कांड के दो आरोपितों पर अभी नहीं लगी गैंगस्टर
सरेंडर होने के बाद भी चार्जशीट न लगने से उमाशंकर का नाम मुकदमे से बच सकता है।
होगी कार्रवाई
- सरेंडर होने के बाद भी चार्जशीट न लगने से उमाशंकर का नाम मुकदमे से बचा
- फरार वितुल दुबे के भी खिलाफ भी नहीं हो सकी कार्रवाई जागरण संवाददाता, कानपुर : बिकरू कांड में विकास दुबे के 30 सहयोगियों पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन दो आरोपित कार्रवाई की जद से बाहर हैं। इनमें हाल ही में कोर्ट में सरेंडर करने वाले आरोपित उमाशंकर यादव और फरार चल रहे वितुल उर्फ विपुल दुबे का नाम शामिल है। वितुल की गिरफ्तारी होने के बाद दोनों के नाम मुकदमे में बढ़ाए जाएंगे।
उमाशंकर यादव ने पिछले दिनों ही माती कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। हालांकि पुलिस अभी तक उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर मुकदमे में उसे आरोपित नहीं बना सकी है। वहीं फरार चल रहे वितुल दुबे की गिरफ्तारी भी पुलिस के लिए चुनौती है। एसपी ग्रामीण डॉ. बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा लिखने से पहले आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल करना होता है। विपुल को गिरफ्तार करने के बाद दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए जाएंगे।
महिला व पुलिसकर्मियों को नहीं किया गया शामिल
पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में आरोपित महिलाओं, तत्कालीन थाना प्रभारी विनय तिवारी व चौकी प्रभारी केके शर्मा को नामजद नहीं किया है। अधिकारियों का कहना है कि पुलिसकर्मी व महिलाएं विकास के गैंग में शामिल नहीं थीं। हालांकि अभी अन्य सुबूत जुटाए जा रहे हैं।