Ganga Link Expressway बन सकता कानपुर की लाइफ लाइन, खत्म होगा जाम और कारोबार को लगेंगे पंख
गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे का प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है लेकिन जनप्रतिनिधियों ने भी नहीं ध्यान दिया है। यह एक्सप्रेस-वे बनने से जाम से मुक्ति मिल सकती है और शहर की लाइफ लाइन साबित हो सकता है। इसके लिए स्मार्ट सिटी मिशन और एनएचएआइ से भी फंडिंग कराई जा सकती है।
कानपुर, जेएनएन। गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे इस शहर की लाइफलाइन बन सकता है। अभी गोविंदनगर से माल रोड जाने में 25 से 30 मिनट का समय लगता है, लेकिन यह एक्सप्रेस वे बनने के बाद समय बचेगा क्योंकि जाम से मुक्ति मिल जाएगी। दादानगर, फजलगंज, पनकी औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए भी यह एक्सप्रेस वे काम का होगा, क्योंकि वे अपने ट्रक आसानी से अलीगढ़, लखनऊ की तरफ भेज सकेंगे। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ यातायात को गति देगा बल्कि कारोबार और उद्योग जगत के लिए भी किसी तोहफे से कम नहीं होगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी मिशन, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से भी फंडिंग कराई जा सकती है। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को भी प्रयास करना होगा जो उनकी तरफ से अभी तक नहीं हुआ है।
जून 2018 में उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति ने इसके दो अलाइनमेंट तैयार कराए थे। एक 27.6 किमी और दूसरा 31 किमी का था। 31 किमी के अलाइनमेंट को कमेटी के सदस्यों ने भी उपयुक्त माना था। इसके बाद प्रोजेक्ट तत्कालीन मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया था और उन्होंने भी 45 दिन में कंसलटेंट की तैनाती करने और छह माह में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के आदेश नोडल विभाग उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण को दिए थे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी। यह एक्सप्रेस वे छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के पास से शुरू होकर मैनावती मार्ग, मालरोड, घंटाघर, जरीब चौकी, विजय नगर, दलहन अनुसंधान संस्थान आदि जगहों से गुजरना है। इसके बनने से सिर्फ इन्हीं इलाकों के लोगों को लाभ नहीं होगा बल्कि यह दक्षिण को उत्तर से जोडऩे का बड़ा माध्यम बन सकता है, क्योंकि इसका लाभ दक्षिण में रहने वाली 10 लाख से अधिक आबादी को मिलेगा।
गोविंदनगर, नौबस्ता इलाकों के लोग अगर मालरोड, घंटाघर, गंगा बैराज जाना चाहते हैं तो विजय नगर या जरीब चौकी से एक्सप्रेस वे पर पहुंचेंगे और चले जाएंगे। इसी तरह कल्याणपुर की तरफ से आने वाले लोग जिन्हें दक्षिण या मालरोड, घंटाघर, जरीब चौकी की तरफ जाना होगा वे विवि के पास एक्सप्रेस वे पर चढ़ जाएंगे। इस एक्सप्रेस वे पर विजयनगर, जरीब चौकी, घंटाघर, मालरोड, गंगा बैराज, झाड़ीबाबा पड़ाव और छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के पास कनेक्टिविटी दी जानी है। मंडलायुक्त स्तर से इस प्रोजेक्ट पर प्रयास तो खूब हुए और हो रहे हैं, लेकिन कोई लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि शहर के सांसद, विधायक या किसी मंत्री ने शासन में पैरवी नहीं की। अगर वे पैरवी करें तो आसानी से प्रोजेक्ट पास हो सकता है, क्योंकि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है और सर्वाधिक विधायक और सांसद भी सत्तारूढ़ दल के ही हैं।
-यातायात को गति देने के लिए आउटर रिंग रोड को मंजूरी दिला दी है। इनर रिंग रोड के रूप में प्रस्तावित गंगा लिंक एक्सप्रेस वे का प्रोजेक्ट भी मंजूर हो इसके लिए बात करूंगा। निश्चित रूप से जाम की समस्या खत्म होगी।-सतीश महाना, औद्योगिक विकास मंत्री
-गंगा लिंक एक्सप्रेस वे से रेलवे क्रासिंगों पर लगने वाले जाम से भी लोगों को मुक्ति मिलेगी। 2017 में भी इनर रिंग रोड के लिए प्रयास किया था। इस प्रोजेक्ट के लिए प्रयास करूंगी। निश्चित रूप से यह प्रोजेक्ट मंजूर होगा। -नीलिमा कटियार, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री
-गंगा लिंक एक्सप्रेस वे का प्रोजेक्ट अच्छा है। इस प्रोजेक्ट को मंजूर कराने के लिए मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से बात करूंगा। जरूरत पड़ी तो केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी बात कर फंडिंग की व्यवस्था कराऊंगा। -देवेंद्र सिंह भोले, सांसद