गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे की बनेगी डीपीआर, 28 किमी लंबा और फोर लेन बनाने की योजना
मंडलायुक्त ने गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट की समीक्षा करके तीन दिन में इनुपट मांगा है। एक्सप्रेस-वे के बन जाने से शहर में जाम की समस्या से कम होगी। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी यूपीसीडा को दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए गंगा लिंक एक्सप्रेस वे परियोजना को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तय किया गया कि तीन दिनों के अंदर केडीए, नगर निगम, सिंचाई विभाग, केस्को व लोक निर्माण विभाग इस प्रोजेक्ट पर अपना सुझाव देंगे और फिर उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराएगा। शिविर कार्यालय में आयोजित उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति की बैठक में मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने प्रोजेक्ट की समीक्षा की। कहा कि तीन दिन के अंदर सुझाव आ जाए और समिति के समन्वयक और संबंधित विभागों के अफसर पूर्व में बनाए गए अलाइनमेंट का मौके पर जाकर परीक्षण कर लें ताकि पता चल सके कि कहीं कोई बदलाव करने की आवश्यकता तो नहीं है।
शहर से होकर पांच राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं। इस वजह से यहां जाम लगता है। इस समस्या के समाधान के लिए आउटर रिंग रोड की स्थापना की जा रही है।
वहीं जबकि शहर के अंदर के जाम को समाप्त करने के लिए मुंबई के वर्ली सी लिंक की तर्ज पर ही शहर में गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे की स्थापना की जानी है। इसकी योजना 2018 में बनी थी और 20 जून 2018 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में इसके निर्माण पर सैद्धांतिक सहमति बन गई थी, लेकिन इसके बाद यह फाइल अलमारी में कैद हो गई। मंडलायुक्त ने अब इसे मूर्त रूप देने की कवायद शुरू की है।
समिति समन्वयक नीरज श्रीवास्तव ने उन्हें बताया कि इसके बन जाने के बाद दक्षिण के लोग भी आसानी से मालरोड, घंटाघर, जरीब चौकी आ जा सकेंगे। जिन्हें कल्याणपुर की ओर या लखनऊ की ओर जाना है वे आसानी से बिना कहीं जाम में फंसे चले जाएंगे। इससे समय भी बचेगा और यातायात को गति मिलेगी। मंडलायुक्त ने कहा कि डीपीआर बनाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। यूपीसीडा के अधिशासी अभियंता संजय तिवारी ने उन्हें बताया कि डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कराने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया गया है।
संबंधित विभागों का सुझाव आते ही कंसलटेंट नामित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मंडलायुक्त ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, नगर निगम, केडीए, केस्को को पत्र भेज दें और संबंधित विभाग तीन दिन के अंदर सुझाव दें। बैठक में केडीए उपाध्यक्ष राकेश ङ्क्षसह, एडीएम वित्त वीरेंद्र पांडेय, केस्को के मुख्य अभियंता संजय अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता पीडब्ल्यूडी जय सिंह उपस्थित रहे।
अलाइनमेंट देखने के लिए बनी कमेटी
केडीए, नगर निगम, यूपीसीडा, सिंचाई विभाग व केस्को के अफसरों की कमेटी गठित की गई है। कमेटी सात दिन के अंदर अलाइनमेंट का परीक्षण करेगी और उन्हें अपनी रिपोर्ट देगी। मुख्य सचिव के समक्ष रखा जाएगा प्रोजेक्ट मंडलायुक्त ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की लागत काफी ज्यादा होगी, लेकिन यह प्रोजेक्ट काफी महत्वपूर्ण है। इसलिए डीपीआर बनने के बाद मुख्य सचिव के साथ बैठक की जाएगी और निर्माण के लिए भारत सरकार व अन्य संसाधनों से वित्त पोषण की कार्यवाही कराई जाएगी।
एक्सप्रेस-वे का प्रस्तावित अलाइनमेंट
प्रस्तावित गंगा लिंक एक्सप्रेस-वे छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से शुरू होगा और मकड़ीखेड़ा जाने वाले रास्ते को क्रॉस करते हुए मैनावती मार्ग के ऊपर से बैराज, मंधना बंधे पर उतर जाएगा। उसके बाद गंगा बैराज पुल पार करते हुए कर्व लेता मालरोड स्थित जुहारी देवी कॉलेज के आगे उतरेगा। इसके बाद वहां से एक्सप्रेस रोड होकर घंटाघर आएगा और उतरेगा। वहां से डिप्टी पड़ाव होकर जरीब चौकी आएगा। आगे बढ़कर विजय नगर चौराहा के पास उतरेगा। वहां से घूमकर, आवास विकास होकर दलहन अनुसंधान संस्थान के पास निकलकर विश्वविद्यालय के बगल में फिर जुड़ेगा।