एक माह की बारिश में दूषित हुई गंगा

जागरण संवाददाता कानपुर वैसे तो गंगा में गिर रहे नाले नालियों कूड़ा-करकट से प्रदूषण बढ़ ही

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Aug 2019 01:52 AM (IST) Updated:Wed, 14 Aug 2019 06:26 AM (IST)
एक माह की बारिश में दूषित हुई गंगा
एक माह की बारिश में दूषित हुई गंगा

जागरण संवाददाता, कानपुर: वैसे तो गंगा में गिर रहे नाले, नालियों, कूड़ा-करकट से प्रदूषण बढ़ ही रहा था। मानसून आने के बाद हुई बारिश से गंगा और अधिक प्रदूषित हो गईं। यह बात छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के बायोसाइंस एंड बायोटेक्नोलॉजी विभाग शोध में सामने आया है। दोनों विभागों के प्रोफेसरों ने एक माह तक हुई बारिश के पानी को एकत्र किया। पानी के नमूनों का परीक्षण किया गया तो उसमें अम्ल की मात्रा बहुत अधिक निकली। पानी पूरी तरह से साफ नहीं था। प्रोफेसरों ने कहा कि इस पानी में वातावरण में मौजूद सल्फर डाइ आक्साइड (एसओटू) व नाइट्रोजन आक्साइड (एनओएक्स) के कण सबसे ज्यादा थे। इसका संकेत पानी के पोटेंशियल ऑफ हाइड्रोजन (पीएच) वैल्यू को देखकर मापा गया। गंगा के अलावा जिले में लगे पौधों पर भी इस पानी का बुरा प्रभाव पड़ा। विभागीय प्रोफेसरों ने बताया कि पानी तब पूरी तरह साफ माना जाता है, जब पीएच की वैल्यू सात से आठ के बीच रहती है। विभाग में जो रिपोर्ट तैयार कर परीक्षण किया गया, उसमें पीएच की वैल्यू सात से कम ही निकली।

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तिथि बारिश पीएच वैल्यू

नौ जुलाई 2 मिमी. 4.70

10 जुलाई 2 मिमी. 4.70

11 जुलाई 2 मिमी. 4.75

12 जुलाई 1 मिमी. 4.90

20 जुलाई 5 मिमी. 4.90

21 जुलाई 11 मिमी. 5.0

22 जुलाई 16 मिमी. 5.0

23 जुलाई 08 मिमी. 5.0

25 जुलाई 15 मिमी. 5.5

26 जुलाई 04 मिमी. 5.2

चार अगस्त 13 मिमी. 5.5

छह अगस्त 02 मिमी. 5.6

सात अगस्त 05 मिमी. 5.7

नौ अगस्त 02 मिमी. 6.02

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मानसून के बाद जो अभी एक माह तक बारिश हुई, उसमें अम्ल की मात्रा ज्यादा रही है। इससे साफ है कि नदी और पौैधों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा होगा। बारिश के इस पानी ने प्रदूषण बढ़ा दिया।

डॉ. शास्वत कटियार, निदेशक, बीएसबीटी सीएसजेएमयू

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