जीआरपी के हत्थे चढ़ा गैंग का एजेंट
सेंट्रल स्टेशन पर रेलवे की फर्जी ट्रेनिग कराने के मामले में मंगलवार को गैंग का एजेंट गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सेंट्रल स्टेशन पर रेलवे की फर्जी ट्रेनिग कराने के मामले में मंगलवार को जीआरपी को बड़ी सफलता हाथ लगी। जीआरपी ने गैंग के एक एजेंट मोहित को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया। उसे कानपुर लाकर पूछताछ की गई तो उसने बताया कि पहले खुद नौकरी मांगी थी, फिर गैंग से जुड़कर दूसरों को नौकरी दिलाने लगा।
सेंट्रल स्टेशन पर नौ जून को टिकट निरीक्षक सुनील पासवान ने युवक दिनेश गौतम को रोककर पूछताछ की थी, जिसमें उसने खुद को स्टाफ बताया। पता चला कि उसके जैसे कई और युवक सेंट्रल स्टेशन पर प्रशिक्षण ले रहे हैं। मामला जीआरपी तक पहुंचा तो 16 लोगों को पकड़ा गया, जिसमें तीन एजेंट निकले। जीआरपी को गैंग के सरगना इटावा निवासी रुद्रप्रताप ठाकुर के साथ ही राकेश भट्ट, अनुज अवस्थी, मोहित और अभिषेक की तलाश थी। इनकी गिरफ्तारी को चार टीमें लगाई गई थीं। देहरादून गई टीम को सफलता हाथ लगी है। टीम ने गैंग के एक सदस्य मोहित को गिरफ्तार किया है। उसने जीआरपी को बताया कि सबसे पहले वह रुड़की निवासी गिरोह के सदस्य राकेश भट्ट के संपर्क में आया था। नौकरी के लिए उसने राकेश के कहने पर दो लाख रुपये रुद्र प्रताप को दिए थे। बाद में इन लोगों के कहने पर रिश्तेदारों और मित्रों को नौकरी दिलाने का काम शुरू कर दिया। उधर, रुड़की पहुंची टीम को सफलता नहीं मिली। गैंग का दूसरा एजेंट राकेश भट्ट मकान पर ताला डालकर फरार हो गया। जीआरपी इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि मोहित को पकड़ा गया है। उससे पूछताछ की जा रही है।
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..तो इटावा स्टेशन में शुरू हुई थी ट्रेनिग
रेलवे में फर्जी ट्रेनिग करने वाले युवकों ने बताया था कि उन्हें ट्रेनिग से पहले इटावा रुद्र प्रताप से मिलने बुलाया गया था। यहां रुपयों के लेनदेन के साथ ही ट्रेनिग को लेकर बातचीत हुई थी। इटावा स्टेशन पर युवकों को ले जाया गया, जहां उन्हें ट्रेनों के संचालन, कोच, ट्रैक व अन्य जानकारियां दी गई थीं।