Mafia Mukhtar Ansari की कमर अब बेहद कमजोर, पढ़िए-रोपड़ से बांदा तक एंबुलेंस में कैसे बीता सफर और क्या खाया
बांदा की जेल में सुबह पहुंचने के बाद मुख्तार अंसारी ने नमाज अदा की और फिर बैरक में सात घंटे की नींद पूरी करने के बाद दोपहर में स्नान के बाद मट्ठा और छेना लिया। चेहरे पर किसी भी तरह की शिकन नहीं दिखाई दी।
बांदा, [शैलेंद्र शर्मा]। बांदा तक पहुंचने के रास्ते में माफिया मुख्तार ने रूपनगर में मिला लंच पैकेट, पूड़ी-सब्जी और लड्डू खाया। बीच-बीच में बिस्कुट खाकर पानी पीता रहा। नए ठिकाना बांदा जेल में पहुंचने पर सफर की थकान के बाद भी उसने नमाज अदा की। इसके बाद करीब छह बजे सो गया। दोपहर एक बजे नींद खुली तो नहाने और फिर नमाज अदा करने के बाद नाश्ते में मट्ठा-छेना लिया। इसके बाद शाम तीन बजे खाने में रोटी, दाल और तरोई की सब्जी परोसी गई, लेकिन उसने अनिच्छा जताई।
अपराध जगत में जिसकी तूती बोलती है, उस माफिया मुख्तार अंसारी की कमर अब बेहद कमजोर हो चुकी है। उसे उठने-बैठने के लिए सहारे की जरूरत पड़ रही है। पंजाब के रूपनगर से बांदा तक का सड़क मार्ग से सफर तय करने के दौरान करीब एक दर्जन बार उसे उठने-बैठने में मेडिकल स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों ने मदद की।
मरीज वाली सीट पर ही कटा 900 किमी. का सफर
मुख्तार का एंबुलेंस में मरीज वाली सीट पर ही लेटकर या बैठकर करीब 900 किमी. का सफर गुजरा। बीच-बीच में उसे उठाने के लिए एंबुलेंस में मौजूद दो सिपाही व मेडिकल स्टाफ उसे सहारा देते रहे। वह सफर के दौरान सभी से हंसता बोलता रहा। कुछ देर एंबुलेंस में ही सोया भी। किसी प्रकार की तकलीफ पूछने पर एक ही जवाब देता था कि मैं अब काफी ठीक हूं, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, रीढ़ की हड्डी में परेशानी की वजह से उसे कई बार सहारा जरूर देना पड़ा। बातचीत के दौरान वह सामान्य ही रहा। पहले से चल रही दवाइयां समय पर खाता रहा।
बैरक में ही अदा की नमाज और जमीन पर सोया
एंबुलेंस से उतरकर बैरक पहुंचते ही मुख्तार को चाय या कुछ खाने के लिए पूछा गया पर उसने इन्कार कर दिया। उसने वजू किया और सुबह की नमाज अदा की। दोपहर में उठने के बाद उसने स्नान किया।