पर्यावरण और पानी बचाने की सीख दे रहीं सहेलियां
सिविल लाइंस की रहने वाली सहेलियां सत्संग के साथ ही लोगों को पर्यावरण और जल संरक्षण की सीख दे रही हैं।
जागरण संवाददाता, कानपुर : सिविल लाइंस की रहने वाली सहेलियां सत्संग के साथ ही लोगों को पर्यावरण और पानी बचाने का टिप्स दे रही हैं। सुबह पार्क में टहलने के साथ ही लोगों को पौधे लगाने और बारिश के पानी को बचाने की सीख देती हैं। खुद भी अपने घर में पानी बर्बाद होने से रोकने के साथ ही बारिश के पानी को भी बचाने के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगा रखा है।
महिलाओं का कहना है कि दैनिक जागरण की यह अभियान बहुत सराहनीय है। इसके बाद से लोगों में और चेतना आई है। अब लोग घरों में बर्बाद होने वाले पानी को बचा रहे हैं। हर घर में 40 से 50 लीटर पानी नाली में जाने के बजाय रोज के दिनचर्या में काम आ रहा है। इससे उनके जागरूकता अभियान को और तेजी मिली है। पौधे लगाने के साथ ही अब बारिश के पानी को बचाने पर भी जोर दे रही हूं।
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पानी का प्रयोग बाल्टी व मग से करते हैं। काम वाली को बर्तन धोने के लिए बाल्टी में पानी देती हूं। पूरा परिवार उनके इस अभियान में सहयोग दे रहा है।
नीलिमा मंडल, सिविल लाइंस
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लो पॉवर वाली वाशिग मशीन उपयोग करती हूं, इससे पानी की बचत होती है। घर की छत पर सीमेंट की टंकी बना बारिश का पानी संचय करती हूं। रसोई का पानी बगीचे से जोड़ रखा है।
मीरा चौरसिया, सिविल लाइंस
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सब्जियों को नल चलाकर धोने की जगह बर्तन में पानी को लेकर धोने से पानी कम लगता है। वाटर ओवरफ्लो अलार्म लगाकर छत पर लगी टंकियों से पानी गिरकर बर्बाद होने से बचाती हूं।
आशा, सिविल लाइंस
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अपने परिवार के सदस्यों को शिक्षित करने के साथ ही पानी बचाने के लिए उनका सहयोग लेती हूं। सहेलियों के साथ लोगों को पर्यावरण और पानी बचाओ के बारे में जानकारी देती हूं।
स्मिता, सिविल लाइंस
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कई सालों से घरेलू पानी बचा रही हूं। दैनिक जागरण में सहेज लो हर बूंद अभियान पड़ने के बाद से और ताकत मिली है। अब लोगों को भी जागरूक कर रही हूं।
अनीता, सिविल लाइंस
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सब्जी, दाल और अन्य सामग्री साफ करने के बाद जो भी पानी बचता है उसको पौधों में डालती हूं। इसके अलावा घर में लीकेज नहीं रहने देते है। उनका पूरा परिवार भी सहयोग देता है।
शारदा, सिविल लाइंस