दोस्त ने रची थी वैभव के अपहरण की साजिश, डेढ़ करोड़ फिरौती लेने की फिराक में थे अपहर्ता
कानपुर के सचेंडी के गांव के किसान के बेटे के अपहरण में कोचिंग में साथ पढ़ने वाले दोस्त ने साजिश रची थी। इसमें बांदा के दो सगे भाइयों के अलावा पेशेवर अपराधी को भी शामिल किया था। सामने आए छह लोगों में पुलिस ने दो की गिरफ्तारी कर ली है।
कानपुर, जेएनएन। टीवी सीरियल सीआइडी की तरह कानपुर में अपहरण का पर्दाफाश करने वाली पुलिस ने जब अपहर्ताओं से पूछताछ की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। पंद्रह वर्षीय छात्र के अपहरण की साजिश उसके दोस्त ने ही रची थी और अपने अन्य मित्रों की मदद से पेशेवर अपराधी को साजिश में शामिल करके वारदात को अंजाम दिया था। सभी फिरौती में डेढ़ करोड़ रुपये वैभव के पिता से लेने की फिराक में थे। पुलिस का मानना है कि अगर वैभव को मुक्त कराने में और देर हो जाती तो अपहर्ता उसकी हत्या भी कर सकते थे। पुलिस की जांच में अबतक छह लोगों के नाम सामने आए हैं, जिसमें दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
सचेंडी थाना क्षेत्र के कलापुर गांव निवासी किसान दीपेंद्र सिंह चंदेल के बेटे वैभव चंदेल का गुरुवार की शाम अपहरण हो गया था। जानकारी मिलते ही हरकत में आई पुलिस टीम सुराग मिलने पर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए अपहर्ताओं तक पहुंच गई थी। पुलिस ने बांदा से अपहृत वैभव को मुक्त कराकर अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया था। किसान द्वारा जमीन बेचने से मिले डेढ़ करोड़ रुपये की फिरौती पाने के लिए अपहरण किया था। वारदात का पर्दाफाश करने वाली टीम को पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने पुरस्कार देने की घोषणा भी की है। पुलिस ने अपहर्ताओं से पूछताछ की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। वैभव के अपहरण की साजिश साथ में कोचिंग पढ़ने वाले दोस्त ने रची थी। उसने बांदा के जारी गांव में रहने वाले कुछ दोस्तों को साजिश में शामिल किया और अपराधी तत्व के एक व्यक्ति ने वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस के अनुसार वैभव गुरुवार की शाम तीन बजे कोचिंग पढ़ने के लिए घर से निकला था, रोजाना वह शाम 7:30 बजे तक घर लौट आता था। लेकिन, उस रात 9:00 बजे तक नहीं आया तो स्वजनों ने उसकी तलाश शुरू की। शुक्रवार की सुबह 6:00 बजे पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस सक्रिय हुई। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि वैभव की साइकिन पड़ोस के बधुआपुर गांव में चाय की दुकान के बाहर खड़ी मिली। पुलिस ने पूछताछ की स्कॉर्पियों का नंबर मिला, जिसपर बैठकर वैभव के जाने की जानकारी मिली। पुलिस स्कॉर्पियो के नंबर के आधार पर बांदा पहुंची और जारी गांव के जंगल से वैभव को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया।
अपर पुलिस आयुक्त ने बताया कि कलापुर गांव निवासी भल्लू सिंह के बेटे आकाश की दोस्ती वैभव से थी और दोनों एक साथ ट्यूशन पढ़ते थे। ट्यूशन पढ़ने के दौरान आकाश को जानकारी मिली कि वैभव के पिता ने लगभग ढाई करोड़ रुपए की जमीन बेची है। इसके बाद उसने बांदा के जारी गांव में रहने वाले सगे भाइयों आकाश और विकास से बातचीत की और वैभव के अपहरण की साजिश रची। बाद में विकास के चाचा उदय भान सिंह राज बहादुर सिंह भी साजिश में शामिल हो गए।
आकाश ने वैभव को पार्टी के लिए ले चलने के बहाने से स्कॉर्पियो में बिठाया और अपहरण करके उदयभान के घर ले गए। वहां रातभर उसे कैद रखा और सुबह जंगल में शिफ्ट कर दिया। अपहर्ताओं का सोचना था कि जितनी देर वैभव की तलाश में स्वजन भटकेंगे उतनी ही बड़ी रकम फिरौती में देने के लिए तैयार हो जाएंगे। अपहर्ताओं ने डेढ़ करोड़ रुपये फिरौती मांगने की तैयारी की थी। पुलिस ने राजबहादुर और चालक को भी गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड उदय भान सिंह पर कानपुर के बिधनू थाना क्षेत्र में हत्या का मुकदमा दर्ज है। बांदा में हत्या के प्रयास के मामले में वह जेल जा चुका है। पुलिस उसका आपराधिक रिकॉर्ड तलाश कर रही है।