सीएसए में सामने आया फर्जीवाड़ा, तीन प्रोफेसरों की नियुक्ति गलत, हो सकती कार्रवाई
विश्वविद्यालय की और किरकिरी न हो उसको देखते हुए तीनों प्रोफसरों की फाइलें खंगाली जा रही है। एक निदेशक स्तर के अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। कुलपति डा. डीआर ङ्क्षसह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) में फर्जीवाड़े के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। फिलहाल एक नया मामला सामने आया है, जिसमें विज्ञापन में मांगी गई अर्हता से अलग योग्यता पर तीन प्रोफेसरों की नियुक्ति कर दी गई। वे 10 साल से अधिक समय से यहां तैनात हैैं। वेतन विसंगतियों, गलत तरीके से चार्ज दिए जाने जैसी शिकायतें कई दिनों से जनप्रतिनिधियों और प्रबंधन मंडल के सदस्यों के द्वारा शासन से की जा रहीं थीं। इसे लेकर शासन ने सीएसए को जांच के आदेश दिए थे, जिसमें यह मामला भी पकड़ में आया। विश्वविद्यालय की और किरकिरी न हो, उसको देखते हुए तीनों प्रोफसरों की फाइलें खंगाली जा रही है। एक निदेशक स्तर के अधिकारी पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। कुलपति डा. डीआर ङ्क्षसह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अभी कुछ नहीं कह सकते हैं, जो कार्रवाई होगी वह सबके सामने आएगी।
विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग : विश्वविद्यालय के धन का दुरुपयोग किया गया है। इनको विभिन्न प्रोजेक्ट और अन्य कार्याें पर खर्च किया गया है। इसकी जांच के लिए समिति का गठन किया जा सकता है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
नदारद रहने वाले शिक्षकों को नोटिस : सीएसए के कई शिक्षक हाजिरी लगाकर गोल हो जाते हैं। उनकी सूची भी तैयार कर ली गई है। कुछ विभागों को नोटिस जारी हो चुका है। दो के वेतन रोकने की संस्तुति की गई है।
छह जूनियर क्लर्क की वेतन वृद्धि रोकी : 2019 में भर्ती हुए छह जूनियर क्लर्क की वेतन वृद्धि रोक दी गई है। उनके खिलाफ कार्य न करने की शिकायत आई थी।