आ रहे चालीस हजार यात्री, जांच हो रही सिर्फ तीन सौ की

जेएनएन कानपुर राज्य सरकार ने सेंट्रल स्टेशन पर आने वाले प्रत्येक यात्री की कोविड जांच के आदेश की पूरी तरह पालना नहीं हो रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 02:01 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 02:01 AM (IST)
आ रहे चालीस हजार यात्री, जांच हो रही सिर्फ तीन सौ की
आ रहे चालीस हजार यात्री, जांच हो रही सिर्फ तीन सौ की

जेएनएन, कानपुर : राज्य सरकार ने सेंट्रल स्टेशन पर आने वाले प्रत्येक यात्री की कोविड जांच के आदेश दिए हैं, जबकि रेलवे स्टेशन पर इसके विपरीत काम हो रहा है। यहां 24 घंटे में ढाई सौ से ज्यादा यात्री ट्रेनें आती हैं। इनसे तकरीबन 40 हजार यात्री उतरते हैं, लेकिन यहां सिर्फ तीन सौ लोगों के ही जांच की व्यवस्था है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां तैनात दो जांच टीमों को प्रतिदिन अलग-अलग महज 150 लोगों की जांच का लक्ष्य दिया जाता है।

सेंट्रल स्टेशन पर स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें काम कर रही हैं। एक टीम सुबह छह से दस बजे तक रहकर यात्रियों का एंटीजन टेस्ट करती है, जबकि दूसरी टीम दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक तैनात रहती है। अब प्रदेश सरकार के आदेश का पालन कराने के लिए यहां 24 घंटे टीम तैनात करनी होगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए लगातार जिला प्रशासन से बात चल रही है।

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जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से टीमें बढ़ाने के लिए लगातार बात हो रही है। तीन टीमें और लगायी जाएंगी। ज्यादा से ज्यादा यात्रियों का एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा।

-हिमांशु शेखर उपाध्याय, डिप्टी सीटीएम

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एक नजर में

-270 ट्रेनें प्रतिदिन आती हैं

-8 जोड़ी ट्रेनें मुंबई से आ रही हैं

-12 से 15 हजार यात्री अकेले मुंबई से आ रहे हैं

-120 ट्रेनें दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलती हैं।

-20 हजार यात्री दिल्ली रूट से आते जाते हैं

----- बोले यात्री

मुंबई ईस्ट में मजदूरी करके गुजर बसर करते हैं। अब वहां काम नहीं बचा है। पैसे खत्म हो गए तो वापस घर जा रहे हैं।

-सुनील, गोरखपुर खेतों में फसल खड़ी है। महाराष्ट्र में काम नहीं बचा है। ऐसे में वापस घर जा रहे हैं, जाकर फसल काटेंगे

-सुंदर, गोरखपुर पनवेल स्टेशन से चढ़े हैं। किसी ने भी जांच और मास्क के लिए नहीं पूछा। कोच में कोई टीटीई जांच करने नहीं आते हैं।

-रामनरेश, कुशीनगर पानी की कंपनी में काम करते हैं। कंपनी ने आधे लोगों को बिठा दिया। अब वहां बैठकर क्या करते, घर जा रहे हैं।

-संतोष, बढ़नी

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