Food Safety Authority: खाद्य पदार्थों के उत्पादन व बिक्री से जुड़े 467 कारोबारियों पर हर दिन सौ रुपये जुर्माना

कानपुर शहर में खाद्य पदार्थों के उत्पादन व बिक्री से जुड़े कारोबारियों पर समय सीमा बीतने के बाद भी वार्षिक रिटर्न नहीं भरने पर जुर्माना लगाया गया है। इसपर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर दी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 09:50 AM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 05:45 PM (IST)
Food Safety Authority: खाद्य पदार्थों के उत्पादन व बिक्री से जुड़े 467 कारोबारियों पर हर दिन सौ रुपये जुर्माना
वार्षिक रिटर्न न भरने पर कार्रवाई की गई है।

कानपुर, जेएनएन। खाद्य पदार्थों के उत्पादन, बिक्री से जुड़े 467 कारोबारियों पर एक सितंबर से हर दिन सौ रुपये जुर्माना लग रहा है। इन कारोबारियों का दोष यह है कि उन्होंने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को अभी तक वार्षिक लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं कराया है। लेखा-जोखा उपलब्ध कराने के लिए उन्हें फार्म डी-वन भरना होता है। उन्हें यह बताना होता है कि उन्होंने कितना उत्पादन किया, कितनी बिक्री और कितना माल स्टाक में बचा है। पूर्व में उन्हें नोटिस दी गई थी, अब फिर नोटिस दी जाएगी। इसके बाद भी वे विवरण नहीं देते हैं तो उनका लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण हर साल लाइसेंस धारकों से वार्षिक लेखा-जोखा लेता है। 31 मई तक हर हाल में उन्हें विवरण जमा करना पड़ता है। इस अवधि तक न जमा करने पर हर दिन के हिसाब से एक जून से सौ रुपये जुर्माना अदा करने का नियम है। इस साल कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़े संक्रमण के कारण कारोबारियों ने लेखा जोखा देने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की थी। प्राधिकरण की ओर से उन्हें 31 अगस्त तक का समय दिया गया था। करीब डेढ़ हजार कारोबारियों ने विवरण तो दे दिया, लेकिन 467 कारोबारियों ने विवरण नहीं दिया। ऐसे में उन पर जुर्माना लग रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के अभिहित अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि नोटिस जारी कर दी गई है। अब दोबारा नोटिस दी जाएगी। अब तक दूध डेयरी संचालक भी लेखा-जोखा देने के लिए फार्म डी-टू देते थे, अब वे भी फार्म डी-वन भरेंगे।

कई कारोबारियों के रिटर्न हो चुके ब्लाक

बीती पहली सितंबर से नियम बदलने के बाद कई फर्म व कंपनी के पंजीकरण पोर्टल ने ब्लाक कर दिए थे और कारोबारी जीएसटीआर 1 रिटर्न फाइल नहीं कर सके थे। ऐसा इसलिए हुआ था कि उन्होंने जुलाई और जून का 3बी रिटर्न फाइल नहीं किया था। इस प्रक्रिया से फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) लेने का प्रयास करने वालों पर लगाम लगाने का प्रयास किया गया था। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) पोर्टल पर विवराण या रिटर्न भरने में लापरवाही करने वाली फार्मों और कंपनियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है। कानपुर में ही अकेले एक हजार से ज्यादा कारोबारियों की फर्म ब्लाक हो गई थीं और उसने दूसरे कारोबारियों ने माल खरीदना बंद कर दिया था।

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