मजदूरों पर दो ध्यान, कीमती है इनकी भी जान

कोरोना से बचने के लिए नगर निगम लाउडस्पीकर से नसीहत दे रहा है लेकिन जान जोखिम में डालकर काम करने वाले मजदूर उसे नहीं दिख रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 01:54 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 01:54 AM (IST)
मजदूरों पर दो ध्यान, कीमती है इनकी भी जान
मजदूरों पर दो ध्यान, कीमती है इनकी भी जान

जेएनएन, कानपुर: कोरोना से बचने के लिए नगर निगम लाउडस्पीकर से नसीहत दे रहा है, लेकिन जान जोखिम में डालकर नाला सफाई में लगे मजदूर नहीं दिखाई दे रहे हैं। बिना ऑक्सीजन मास्क, सेफ्टी बेल्ट व दस्ताने के उन्हें मैनहोल में उतारा जा रहा है। जिम्मेदार अभियंता व ठेकेदार आंखें बंद किए हुए हैं। शहर को नसीहत देने वाले अफसरों की भी नजर नहीं जा रही है।

नगर निगम शहर में छोटे व बड़े नालों की सफाई करा रहा है। विकास नगर में रविवार को मैनहोल के अंदर सफाई में लगे मजदूरों के पास ऑक्सीजन मास्क होना तो दूर सामान्य मास्क भी नहीं था। उन्हें सेफ्टी बेल्ट, टार्च और रस्सी भी नहीं दी गई थी। इससे कभी भी हादसा हो सकता है। यह तब है जब मुख्य अभियंता ने अभियंताओं को आदेश दिए हैं कि बिना मास्क, दस्ताने व अन्य सुरक्षा उपकरण के मजदूरों से काम नहीं कराया जाए। इसके बाद भी अभियंता व ठेकेदार नहीं सुन रहे।

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लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं और ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। सभी से स्पष्टीकरण तलब किया जाएगा।

एसके सिह, मुख्य अभियंता नगर निगम

मै खुद निरीक्षण कर देखूंगी। अगर लापरवाही मिली तो संबंधित अभियंता और ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रमिला पांडेय, महापौर

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि मैनहोल, सेफ्टी टैंक और सीवर सफाई के दौरान कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। ऑक्सीजन मास्क, गम बूट, दस्ताने, रस्सी, टार्च आदि मजदूर को दिए जाएं।

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अब तक लापरवाही से हुए हादसे

-वर्ष 2008 में लेनिन पार्क पीरोड में मैनहोल की सफाई में एक मजदूर की मौत हो गई थी।

-वर्ष 2010 में फजलगंज में मैनहोल सफाई में दो मजदूरों की मौत हो गई थी।

-वर्ष 2011 में चंद्रिका देवी चौराहे के पास मैनहोल की सफाई में दो मजदूरों की जान चली गई थी।

-वर्ष 2017 में कृष्णा नगर में नमामि गंगे के तहत मैनहोल की सफाई में एक मजदूर की सांसें टूट गई थीं।

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