जाम से निजात दिलाने के लिए शहर में फ्लाईओवर का हो निर्माण

शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए महापौर ने उप मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री को दिया है ज्ञापन।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 02:02 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 02:02 AM (IST)
जाम से निजात दिलाने के लिए शहर में फ्लाईओवर का हो निर्माण
जाम से निजात दिलाने के लिए शहर में फ्लाईओवर का हो निर्माण

जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए महापौर ने उप मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मंत्री को तीन लेन के दो फ्लाईओवर का निर्माण कराने के लिए ज्ञापन दिया है। उप मुख्यमंत्री ने अफसरों को डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए हैं।

लखनऊ में महापौर प्रमिला पांडेय ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से गुरुवार को उनके आवास पर मुलाकात की। महापौर ने कहा कि मालरोड, बड़ा चौराहा, मेस्टन रोड, नयागंज, बिरहाना रोड में लगने वाले जाम से जनता को निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर की जरूरत है। महापौर ने कहा कि इसके लिए ग्रीनपार्क से फूलबाग चौराहे तक और जीएनके इंटर कॉलेज से मेस्टन रोड होते हुए लाटूश रोड तक तीन लेन का फ्लाईओवर बनवाया जाए। उप मुख्यमंत्री ने संबंधित अफसरों को जल्द से जल्द विस्तृत कार्य योजना (डीपीआर) तैयार करने के आदेश दिए।

दादानगर समानांतर पुल के लिए अगले माह से बनेगी डीपीआर

जासं, कानपुर : दादानगर समानांतर ओवरब्रिज के लिए मिट्टी परीक्षण का काम पूरा हो गया है। इसकी जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेजा गया है। वहां से जल्द ही रिपोर्ट मिलने वाली है। इसके बाद अगले माह से डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का काम शुरू होगा। विजयनगर चौराहे की ओर से दक्षिण क्षेत्र की तरफ जाने वाले रास्ते में दादानगर क्रासिग बंद होने पर सेवाग्राम कालोनी मोड़ के आगे तक जाम लग जाता है। गुरुवार को भी यही स्थिति रही। क्रासिग बंद होने पर जाम लग गया। इससे बचने के लिए लोग दादानगर सर्विस रोड से होकर उल्टी दिशा से दादानगर पुल पर चढ़कर बर्रा की तरफ जाने लगे। इसके चलते कई बार यहां हादसे भी हुए हैं। हालांकि यातायात पुलिस तैनात होने के बाद उल्टी दिशा से होकर आने वाले वाहनों की संख्या कुछ कम हुई है। इससे छुटकारा दिलवाने के लिए समानांतर पुल बनाने की तैयारी की जा रही है।

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दादानगर समानांतर पुल के लिए मिट्टी का सैंपल लेकर लखनऊ लैब में भेज दिया है। रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर तैयार करेंगे। इससे बनने से करीब 10 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।

- केएन ओझा, परियोजना प्रबंधक, सेतु निर्माण निगम

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