पांडु नदी में बाढ़ से मची है हायतौबा, प्रशासन ने अभी खाने-पीने तक का नहीं किया इंतजाम

लोगों को अभी तक यह तक नहीं पता कि उनकी सुविधा के लिए बर्रा विश्वबैंक में बाढ़ राहत शिविर बनाये गये हैं। ना ही सरकारी महकमें के कर्मचारी बाढ़ से प्रभावित लोगों को शिविर में रुकने के लिए अनाउंसमेंट कर रहे हैं

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 03:05 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 03:05 PM (IST)
पांडु नदी में बाढ़ से मची है हायतौबा, प्रशासन ने अभी खाने-पीने तक का नहीं किया इंतजाम
बर्रा-8 कच्ची बस्ती में भरा पांडुनदी का पानी ।जागरण

कानुपर, जेएनएन। पांडुनगर में आई बाढ़ की वजह से लोगों का पूरा घर डूब गया है। इस वजह से लोग दूसरी जगहों पर तंबू लगाकर अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। मंगलवार को कई सोसाइटी क्षेत्रों में पानी लगातर बढ़ता जा रहा है। बर्रा आठ वरुण बिहार इलाके के कच्ची बस्ती में बने घर सोमवार तक आधे डूबे थे। मंगलवार सुबह चार बजे से पानी तेजी से बढ़ा और पूरा घर डूब गया। यहां रह रहें लोगों ने मेहरबान सिंहपुरवा पुल के बगल में अपना अशियाना बनाना शुरू कर दिया है।

हालांकि प्रशासन की ओर से अभी तक खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं की। लोगों को अभी तक यह तक नहीं पता कि उनकी सुविधा के लिए बर्रा विश्वबैंक में बाढ़ राहत शिविर बनाये गये हैं। ना ही सरकारी महकमें के कर्मचारी बाढ़ से प्रभावित लोगों को शिविर में रुकने के लिए अनाउंसमेंट कर रहे हैं। इसी तरह मायापुरम इलाका पूरा तरह से जमग्न हो गया है। तहसीलदार रितेश सिंह ने बताया कि एक शिविर बनाया गया है। पानी बढ़ता है तो अन्य शिविर बनाये जाएंगे। उन्होंने छह चौकियां बना दी गई हैं, लेकिन अभी किसी की ड्यूटी नहीं लगी।

नगर आयुक्त ने क्षेत्र का किया निरीक्षण : नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मायापुरम इलाके का निरीक्षण कर लोगों का हाल जाना। उन्होंने आसपास इलाके में फैल्ी गंदगी को साफ व स्ट्रीट लाइट ठीक कराने के निर्देश दिये। इस दौरान पार्षद विजय आरती गौतम जोनल अधिकारी स्वर्ण सिंह, अधिशासी अभियंता आरके सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अजय संखवार मौजूद रहे।

इनका ये है कहना

प्रशासन की ओर से सुरक्षित जगह पर ठहरने की जानकारी नहीं दी है। इस वजह से सड़क किनारे ही तंबू लगाकर रात गुजारने व खाना बनाने की व्यवस्था की जा रही है। -मीना देवी, मायापुरम बाढ़ की वजह से नींद नहीं आती है। हमेशा जलस्तर बढऩे का खतरा रहता है। इस वजह से सड़क किनारे अशियाना बनाया जा रहा है। बाढ़ कम नहीं होती तब तक तंबू के नीचे ही रहेंगे। -धीरज कुमार, मायापुरम 
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