औरैया में बाढ़ प्रभावित गांवों में अब कीचड़-पानी बना दुश्वारियों का कारण

सदर व तहसील अजीतमल से जुड़े करीब आधा सैकड़ा गांव प्रभावित हुए थे। बाढ़ की वजह से गांव के लोगों को घर छोड़ सुरक्षित जगहों पर दिन व रात गुजारनी पड़ी। बीते तीन दिन से जल स्तर कम होने से यह लोग अब वापस गांव लौटना शुरू हुए हैं।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 13 Aug 2021 03:03 PM (IST) Updated:Fri, 13 Aug 2021 03:03 PM (IST)
औरैया में बाढ़ प्रभावित गांवों में अब कीचड़-पानी बना दुश्वारियों का कारण
स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारी ने भी राहत कार्यों के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया

औरैया, जेएनएन। यमुना नदी का जल स्तर बीते तीन दिन से तेजी से कम हो रहा है। शुक्रवार को सुबह आठ बजे की गई पैमाइश में 110.49 मीटर पर पानी रहा। मध्याह्न 12 बजे 109. 98 मीटर व दोपहर बाद जल स्तर 109.88 मीटर पर पहुंचा। तेजी से घट रहे जल स्तर के साथ ही बाढ़ प्रभावित गांवों में पानी कम होने लगा है। लेकिन, यहां पर पीडि़त लोगों की समस्या कम नहीं। कारण, गांव के मार्गों, खेतों व घर के बाहर हुआ कीचड़ है। मिट्टी-पानी घरों के बाहर व कमरों में जमा है। इससे संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ गया है। इस दुश्वारी को दूर करने के प्रयास में परिवार जुटे हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारी ने भी राहत कार्यों के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।

राजस्थान कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से सदर व तहसील अजीतमल से जुड़े करीब आधा सैकड़ा गांव प्रभावित हुए थे। बाढ़ की वजह से गांव के लोगों को घर छोड़ सुरक्षित जगहों पर दिन व रात गुजारनी पड़ी। बीते तीन दिन से जल स्तर कम होने से यह लोग अब वापस गांव लौटना शुरू हुए हैं।

शनिवार को जल स्तर 117.02 मीटर व रविवार को 118.410 मीटर पर पानी था। सोमवार को जल स्तर पैमाइश में 117.77 मीटर पर रहा था। मंगलवार को यह स्तर 116 मीटर तक पहुंचा तो 24 घंटे में पानी और कम हुआ। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यमुना नदी का चेतावनी ङ्क्षबदु 112.00 मीटर व खतरे का निशान 113.00 मीटर पर है। बुधवार को जल स्तर 112.20 मीटर पर रहा था। शुक्रवार को खतरे व चेतावनी ङ्क्षबदु से नीचे पानी चला गया है।बाढ़ से प्रभावित जो गांव थे, वहां परिवारों का लौटना शुरू है। बाढ़ के पीने से भींग चुके कपड़ों व गृहस्थी को धूप में सुखाने का कार्य ग्रामीण कर रहे हैं।

हुए नुकसान का आकलन करने में जुटे लेखपाल : बाढ़ प्रभावित गांवों में जुहीखा, सिकरोड़ी, दुर्वासपुर, मलगवां, फरिहा गांव के अलावा बाढ़ से ग्रस्त अन्य तटवर्तीय इलाकों का सर्वे प्रशासन ने शुरू कराया है। बाढ़ पीडि़तों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सदर व अजीतमल तहसील के लेखपाल लगे हैं। डीएम सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि बाढ़ पीडि़तों की हर संभव मदद की जाएगी। राजस्व टीमों को इसके लिए

निर्देश दिए गए हैं।

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