Flood Effect in Kanpur: सुरक्षित जगह की तलाश में निकले लोगों को नहीं मिल रहे घर, किराया बढ़ाए जाने का लगाया आरोप
Flood Effect in Kanpur पांडु नदी का जलस्तर बढ़ा तो गोपालपुरम बर्रा वरुण कच्ची बस्ती पनका गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। लोगों ने अपने बनाये आशियाने छोड़ने शुरू कर दिये थे। कुछ लोगों ने केडीए कालोनी के खाली कमरों में सामान रखना शुरू किया।
कानपुर, जेएनएन। Flood Effect in Kanpur शहर के दक्षिण क्षेत्र में आई बाढ़ से पांडु नदी के किनारे बसी कच्ची बस्तियों में जलभराव की विकराल समस्या खड़ी हो गई है। यही कारण है कि लोगों के सामने पलायन के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। सुरक्षित स्थान की तलाश में निकले बस्ती के लोगों का आरोप है कि बर्रा आठ केडीए कालाेनी में रहने वाले लोगों ने मकानों के किराये बढ़ा दिये हैं। इस वजह से लोग कमरा नहीं ले पा रहे हैं।
पांडु नदी का जलस्तर बढ़ा तो गोपालपुरम, बर्रा वरुण कच्ची बस्ती, पनका गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे। लोगों ने अपने बनाये आशियाने छोड़ने शुरू कर दिये थे। कुछ लोगों ने केडीए कालोनी के खाली कमरों में सामान रखना शुरू किया। धीरे-धीरे संख्या बढ़ी तो लोगों ने तीन की जगह पांच हजार रुपये तक किराया कर दिया। धन के आभाव से लोग सड़क किनारे ही तंबू तानकर रह रहे हैं। प्रिंस, आशु, आशुतोष, प्रियम, शुभाकर, मोहित ने बताया कि किसी तरह उधार लेकर काम घर और बच्चों का खर्च चला रहे हैं, कमरा महंगा होने की वजह से सड़क किनारे ही रह रहे हैं।
फुंक गए इलेक्ट्रानिक उपकरण: वरुण बिहार के के लोगों ने बताया कि लाइट ना होने की वजह से रात में बच्चे बहुत परेशान होते हैं। गर्मी में रात काटनी पड़ती है। आनंद प्रकाश, अजय पाल सिंह ने बताया कि पानी इतनी तेजी से कमरे में भरा की जल्दी-जल्दी बच्चों को बाहर निकाला। इसके बाद जरूरत की चीजों और रुपये उठाये, लेकिन इस दौरान पानी में डूबकर इलेक्ट्रानिक सामान खराब हो गए हैं। इससे उन्हें हजारों का नुकसान हुआ है।
किसी जनप्रतिनिधि ने नहीं की मदद: वर्ष 2018 में आई बाढ़ के दौरान सरकारी महकमा और जनप्रतिनिधि लोगों की सेवा में लगे थे, लेकिन इस बार आई बाढ़ में काई भी जनप्रनिधि सामने नहीं आया। जबकि जो क्षेत्र डूबे हैं। वहां से भाजपा के ही विधायक हैं। हालांकि प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है।