पांडु नदी पर रिंग रोड के लिए बनेंगे पांच पुल, फ्लाईओवर और ओवरब्रिज की भी जगह होगी तय
कानपुर शहर के आउटर भाग में 94 किमी लंबे रिंग रोड के निर्माण को लेकर कवायद तेज हो गई है जल्द ही फाइल को मंजूरी मिलते ही कंसलटेंट भूमि की गाटा संख्या व भूस्वामियों के नाम जुटाना शुरू कर देंगे।
कानपुर, जेएनएन। 94 किमी लंबे आउटर रिंग रोड के निर्माण की फाइल अगले हफ्ते मंजूर होने की उम्मीद है। ऐसे में कंसलटेंट कंपनी अब उन स्थलों को चिह्नित करने की तैयारी कर रही है, जहां हाईवे को क्रॉस करने के लिए फ्लाईओवर, गंगा व पांडु नदी को पार करने के लिए पुल और रेलवे लाइनों को क्रॉस करने के लिए ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। उन भूखंडों की पहचान भी होगी, जिनका अधिग्रहण होना है। ऐसे में कंसलटेंट बहुत ही जल्द भूखंडों का गाटा संख्या और भू स्वामियों के नाम की सूची बनाएंगे।
रिंग रोड पहले 105 किमी लंबी बनाने की योजना थी। लागत अधिक होने के कारण एनएचआइ की भूमि अधिग्रहण कमेटी ने इसके आकार को छोटा करने का सुझाव देते हुए फाइल वापस कर दी थी। इसके बाद दूसरा अलाइनमेंट तय हुआ और इसके आकार को 94 किमी कर दिया। पहले यह प्रयागराज हाईवे पर हाथीपुर गांव के पास गुजरना था, अब रूमा के पास से रिंग रोड गुजरेगी। इसके आकार को छोटा किए जाने से लागत तो कम हुई ही निर्माण की अवधि भी कम होगी और भूमि अधिग्रहण भी कम करना होगा।
नए अलाइनमेंट के साथ प्रस्ताव भूमि अधिग्रहण कमेटी को भेजा जा चुका है। ऐसे में जल्द ही इसके मंजूर होने की उम्मीद है। वहां से प्रोजेक्ट मंजूर होते ही यहां भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी। ऐसे में फिर भूमि का गाटा संख्या, भू स्वामी का नाम आदि जानकारियां जुटानी होगी। ऐसे में इन कार्यों में देरी लगेगी। यही वजह है कि कंसलटेंट ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है।
रिंग रोड रूमा के पास से शुरू होगी और फिर नौबस्ता से हमीरपुर हाईवे पर रमईपुर के पास से होते हुए इटावा हाईवे पर सचेंडी के पास से होकर कानपुर-अलीगढ़ हाईवे पर रामनगर के पास और वहां से होते हुए कानपुर- लखनऊ हाईवे पर उन्नाव के आटा से होते हुए फिर रूमा पहुंचेगी। इस दौरान गंगा नदी को दो बार पार करना होगा। पांडु नदी को तीन बार रिंग रोड क्रॉस करेगी। ऐसे में कुल पांच पुल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही कानपुर-लखनऊ, कानपुर-फर्रुखाबाद, कानपुर- प्रयागराज, कानपुर- दिल्ली और कानपुर- झांसी रेल मार्ग को भी क्रॉस करना है। ऐसे में रेलवे ओवरब्रिज भी बनेंगे।
जरूरी तथ्य : 560 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा, 2609.31 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे। 5182.37 करोड़ रुपये रिंग रोड की कुल लागत होगी।