बस चलाकर आधी आबादी बनाएगी पहचान, महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रदेश में पहला प्रशिक्षण शुरू

प्रदेश में महिलाओं को बस चालक बनाकर रोजगार देने का काम शुरू हो गया। प्रदेश के इस तरह के पहले प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत सोमवार को कानपुर में हुई। 19 लड़कियों ने इस शिविर में हिस्सा लिया जिसमें कानपुर के अलावा आगरा तथा अलीगढ़ की युवतियां भी शामिल रहीं।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 04:26 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 04:26 PM (IST)
बस चलाकर आधी आबादी बनाएगी पहचान, महिलाओं को बस चालक बनाने का प्रदेश में पहला प्रशिक्षण शुरू
महिलाओं को बस चालक बनाकर रोजगार देने का प्रशिक्षण शुरू।

कानपुर, जेएनएन। महिलाओं को प्रशिक्षित कर बस चालक बनाने की शुरुआत सोमवार से हो गई। दिल में कुछ कर गुजरने और देश में अपना नाम रोशन करने का जज्बा लेकर 19 लड़कियां विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर पहुंची। इनमें कानपुर के अतिरिक्त आगरा व अलीगढ़ की लड़कियां भी शामिल है। प्रशिक्षण के पहले दिन लड़कियों के प्रशिक्षण के विषय में जानकारी दी गई। अभी एक सप्ताह की डेमो क्लासेस लगाई जाएंगी उसके बाद आगे का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

महिला सशिक्तकरण के तहत महिलाओं को बस चालक बनाने की शासन ने प्रदेश में पहली बार प्रशिक्षण शुरु किया है। महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण कौशल विकास मिशन के तहत दिया जा रहा है। इसकी कवायद काफी दिनों से चल रही थी। महिला चालक बनने के लिए प्रदेश भर से लड़कियों ने आवेदन किए। इनमें से फिलहाल 19 का चयन किया गया है।

विकास नगर स्थित मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर में सात महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। सोमवार को इंस्टीट्यूट पहुंची लड़कियों का रजिस्ट्रेशन कर उनको प्रशिक्षण की जानकारी दी गई। एक सप्ताह तक डेमो क्लासेस लगाई जाएंगी। इस बीच अन्य लड़कियां चाहे तो प्रशिक्षण के लिए इंस्टीट्यूट में संपर्क कर सकती है। सात महीने के प्रशिक्षण के बाद उनको डिपो में तैनात किया जाएगा।

इन लड़कियों से शुरू हुआ प्रशिक्षण

प्रशिक्षण के पहले दिन कानपुर की 14, आगरा की तीन, इटावा की एक तथा अलीगढ़ की एक लड़की विकास नगर स्थित ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट पहुंचीं। इनमें कानपुर की अनकाि दोहरे, प्रज्ञा शुक्ला, अंशिका द्विवेदी,दिव्या द्विवेदी, नैन्सी गुप्ता, सौम्या बाजपेई, सुमेधा कुशवाहा, आंचल सिंह, आज्ञा रावत, श्वेता बाजपेई, अन्तिमा मिश्रा, यशी अवस्थी, अमित कमल, गीता सिंह, आगरा की सोनिया, पूनम शर्मा, संगीता चौहान, इटावा की नाज फातिमा, अलीगढ़ की मंजू शामिल हैं.

बनाया जाएगा आत्मनिर्भर

मॉडल ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर के प्रधानाचार्य एसपी सिंह का कहना है कि महिलाओं को बस चलाने का प्रशिक्षण देने की शुरुआत हो गई है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत महिला चालकों के प्रशिक्षण का यह पहला प्रयास है। देश भर में इस तरह का प्रयोग अभी तक नहीं हुआ है। महिला सश्क्तिकरण के तहत महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उनको आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

सात महीने के प्रशिक्षण के बाद डिपो में तैनाती

महिलाओं सात महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 200 घंटे एलएमवी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें महारत हासिल करने के बाद उनको 400 घंटे का एचएमवी चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद उनकी डिपो में तैनाती की जाएगी। वहां 17 महीने रहना होगा। 24 महीने बाद डिपो में संविदा चालक के रूप में तैनाती होगी। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन कक्षाएं लगेंंगी। पहले थ्योरी फिर प्रेक्टिकल होगा। प्रशिक्षण के बाद परीक्षा भी देनी होगी। प्रशिक्षण पूरा हो के बाद कामर्शीयल ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान हास्टल में रहना व खाना निश्शुल्क होगा। 

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