आइआइटी कानपुर में खुला देश का पहला राष्ट्रीय भूमंडल शोध केंद्र, जानिए क्या होंगे काम Kanpur News

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) कानपुर में देश के पहले राष्ट्रीय भूमंडल शोध केंद्र का उद्घाटन हुआ।

By Edited By: Publish:Sat, 07 Sep 2019 02:16 AM (IST) Updated:Sat, 07 Sep 2019 08:05 AM (IST)
आइआइटी कानपुर में खुला देश का पहला राष्ट्रीय भूमंडल शोध  केंद्र, जानिए क्या होंगे काम Kanpur News
आइआइटी कानपुर में खुला देश का पहला राष्ट्रीय भूमंडल शोध केंद्र, जानिए क्या होंगे काम Kanpur News
कानपुर, जेएनएन। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) कानपुर में देश के पहले राष्ट्रीय भूमंडल शोध केंद्र का उद्घाटन हुआ। विज्ञान एवं तकनीक विभाग के नेशनल रिसोर्स डाटा मैनेजमेंट सिस्टम के प्रमुख डॉ. भूप सिंह, वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह और आइआइटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने किया। डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) ने कैंपस में नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन जियोडेसी (भूमंडल मापने का यंत्र) की स्थापना के लिए 21.14 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है।
केंद्र से भूमंडल संबंधी शोध कार्य को गति मिलेगी। पृथ्वी विज्ञान के अलावा पृथ्वी के आकार का मापन, जल स्रोत, भू-जल की स्थिति की जानकारी सेटेलाइट मैपिंग के जरिए पता की जा सकेगी। आइआइटी में बनाए गए इस केंद्र जियोड मॉडलिंग, हाईट रेफरेंस सिस्टम, पोलर मोशन, क्रस्टल डिफॉरमेशन पर भी यहा काम होगा। इसके साथ ही पृथ्वी पर होने वाले विभिन्न बदलाव पर अध्ययन करने के लिए हाइटेक लेबोरेट्री भी बनेगी।
नेशनल जियोडेसी प्रोग्राम के अध्यक्ष प्रो. वी नागराजन ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत में अब तक के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह वो विज्ञान है जो न केवल पृथ्वी, महासागर बल्कि वातावरण को भी जोड़ता है। नेशनल सेंटर इन जियोडेसी के सह समन्वयक प्रो. ओंकार दीक्षित ने कहा कि संस्थान का मिशन जियोडेसी शिक्षा के क्षेत्र में शोध गतिविधियों को बढ़ाना और मजबूत करना है। विश्वविद्यालयों और संस्थानों के छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए जियोडेसी में अत्याधुनिक अनुसंधान और विकास गतिविधियों, जिसमें अकादमिक शोध और प्रायोजित परामर्श शामिल होंगे, को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इस दौरान सिविल इंजीनिय¨रग विभाग के प्रमुख प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी भी मौजूद रहे।
chat bot
आपका साथी