फिरदौस ने हक पाने की जद्दोजहद में गुजार दिए 21 साल, कचहरी और थाने के चक्कर लगाते थक गई जिंदगी

कानपुर के हरबंशमोहाल की फिरदौस जहां को निकाह के बाद पति ने घर से निकाल दिया था तबसे वह अपना हक पाने के लिए कोर्ट और थाने के चक्कर काट रही है। 11 साल बाद भी उसे गुजारा भत्ता तक नहीं मिला है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 10:56 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 10:56 AM (IST)
फिरदौस ने हक पाने की जद्दोजहद में गुजार दिए 21 साल, कचहरी और थाने के चक्कर लगाते थक गई जिंदगी
फिरदौस जहां के केस ने दिखाई महिला कानून की हकीकत।

कानपुर, आलोक शर्मा। कानून में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा अधिक तवज्जो दी गई है। घरेलू हिंसा, दहेज प्रताडऩा, दहेज प्रतिषेध अधिनियम जैसे कुछ ऐसे कानून व धाराएं हैं, जो महिलाओं को अपराध से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके बाद भी एक महिला 11 साल से गुजारा भत्ता तक नहीं पा सकी। वह भी तब जब न्यायालय से पति के खिलाफ रिकवरी और गिरफ्तारी वारंट लंबे समय से जारी हो रहे हैं। 21 साल से अपना हक पाने की जद्दोजहद में महिला इंसाफ की आस लेकर कचहरी आती है और अगली तारीख मिलते ही मायूस होकर घर लौट जाती है।

हरबंशमोहाल की फिरदौस जहां का निकाह 28 फरवरी 1999 में कर्नलगंज गम्मू खां का हाता निवासी गुलजार अहमद से हुआ था। आरोप है कि निकाह के एक साल बाद ही पति ने घर से निकाल दिया तब से वह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। शुरुआत के कुछ वर्ष समझौते के प्रयास में बीत गए, लेकिन जब बात नहीं बनी तो वर्ष 2005 में पति से बेटे और स्वयं के लिए गुजारा भत्ता मांगा। गुजारा भत्ता बंधने में पांच साल लग गए। 25 नवंबर 2010 को तत्कालीन एडिशनल फैमिली कोर्ट ने एक हजार रुपये बेटे के लिए और दो हजार रुपये फिरदौस के लिए गुजारा भत्ता तय किया। हर माह तीन हजार रुपये पाने की आस में फिरदौस की तब शुरू हुई दौड़ आज भी जारी है। न्यायालय से उनके पति गुलजार अहमद के खिलाफ लगातार गिरफ्तारी वारंट और रिकवरी जारी की है, लेकिन पुलिस उसे ढूंढ़ नहीं पा रही है। फिरदौस 11 साल पुराने आदेश के पालन की उम्मीद में कचहरी के चक्कर लगा रही हैं।

बिना तलाक कर लिया दूसरा निकाह : अधिवक्ता अनंत शर्मा बताते हैं कि गुलजार ने फिरदौस को तलाक दिए बिना दूसरा निकाह कर लिया है। गुलजार की दूसरी पत्नी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर गिरफ्तारी वारंट उनके पते पर न भेजने की अपील की है, जिस पर सुनवाई चल रही है। अधिवक्ता बताते हैं कि गुलजार ने संपत्ति दूसरी पत्नी के नाम कर दी है।

धमकी और अभद्रता भी बर्दाश्त की : फिरदौस कोर्ट में अकेले पैरवी करने आती हैं। इस दौरान उन्होंने कई बार बेटे को उठा लेने की धमकी और अभद्रता भी बर्दाश्त की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कई प्रार्थना पत्र भी दिए।

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