लखनऊ के ईओडब्ल्यू में इंस्पेक्टर ने गायब कर दिए सरकारी दस्तावेज, पुलिस ने दर्ज मुकदमा
वर्ष 2012 में बाबूपुरवा थाने में तैनाती के दौरान दुर्घटना के मुकदमे की विवेचना कर रहे थे इसके बाद अब केस डायरी नहीं मिल रही है। वह ना तो दारोगा के पास है और न ही न्यायालय जमा की गई है।
कानपुर, जेएनएन। आर्थिक अनुसंधान अपराध शाखा लखनऊ के इंस्पेक्टर ने विवेचक रहते सरकारी दस्तावेज ही गायब कर दिए। आठ साल बाद अब दुर्घटना के दर्ज मुकदमे की केस डायरी ढूढे नहीं मिल रही है तब बाबूपुरवा थाना प्रभारी ने तत्कालीन विवेचक पर मुकदमा दर्ज कराया है।
थाना प्रभारी बाबूपुरवा जनार्दन प्रताप सिंह ने बताया कि वर्ष 2012 में दुर्घटना के संबंध में मुकदमा नंबर 473 थाने में दर्ज हुआ था। तत्कालीन बगाही चौकी प्रभारी रहे दारोगा शिवनाथ सिंसह मामले की विवेचना कर रहे थे। 19 मार्च 2013 को उन्होंने केस डायरी के साथ आरोप पत्र सीओ बाबूपुरवा पेशी कार्यालय में दिए थे। जिसमें सीओ बाबूपुरवा ने आपत्तियां लगाकर वापस कर दिया था। 13 अप्रैल 2013 को आपत्तियां दूर करने के लिए केस डायरी व अन्य दस्तावेज डाक से विवेचक के पास भेजे गए थे। कुछ समय बाद उनका यहां से स्थानांतरण हो गया।
थाना प्रभारी बाबूपुरवा का कहना है कि स्थानांतरण पर जाने के दौरान विवेचक शिवनाथ सिंह यादव ने न तो केस डायरी, आरोप पत्र चार्ज लेने वाले दारोगा, न तो सीओ पेशी और न ही न्यायालय में जमा किए। केस डायरी न मिलने पर उनके खिलाफ सरकारी दस्तावेज गायब करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।