Income Tax अधिकारियों को वित्त मंत्रालय से राहत, अब 30 अप्रैल तक जारी कर सकेंगे धारा 148 की नोटिस

आयकर अधिकारियों को पहले 31 मार्च तक धारा 148 की नोटिस जारी करने का समय होता था। अब वित्त मंत्रालय ने राहत दे दी है बजट में नियम बदले जाने के बाद अफसरों के कार्य का बोझ बढ़ गया था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sat, 03 Apr 2021 10:52 AM (IST) Updated:Sat, 03 Apr 2021 10:52 AM (IST)
Income Tax अधिकारियों को वित्त मंत्रालय से राहत, अब 30 अप्रैल तक जारी कर सकेंगे धारा 148 की नोटिस
कानपुर में आयकर अफसरों को राहत मिली है।

कानपुर, जेएनएन। धारा 148 का नोटिस जारी करने के मामले में आयकर अधिकारियों को राहत मिली है। अब वे 31 मार्च की जगह 30 अप्रैल तक नोटिस जारी कर सकेंगे। बजट में बदले नियमों के बाद अधिकारियों को एक साथ चार वर्ष के पुन: कर निर्धारण के मामलों की जांच करनी पड़ रही थी, क्योंकि अगले वित्तीय वर्ष में वे उन्हें दोबारा खोल नहीं सकेंगे। एक साथ कई वर्षों के कार्य का बोझ पडऩे की वजह से आयकर अधिकारी काफी दबाव में थे। इसे देखते हुए ही वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों के लिए यह राहत भरा निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2012-13 से अब तक के जिन मामलों में धारा 148 का नोटिस जारी होनी था, उनमें अब एक माह का समय बढ़ा दिया गया है।

धारा 148 के तहत पुन: कर निर्धारण की कार्यवाही की नोटिस जारी की जाती है। इसमें दो तरह के मामले लिए जाते हैं। टैक्स सलाहकारों के मुताबिक इसमें एक तो वे वाद लिए जाते हैं, जिनके कर निर्धारण के आदेश हो चुके हैं। इसके अलावा और दूसरे ऐसे वाद जिनके मामलों में कर निर्धारण आदेश पास नहीं हुआ या करदाता ने रिटर्न ही नहीं दाखिल किया। अगर विभाग के पास आमदनी छिपाने की पुख्ता सूचना होती है तो इस धारा में नोटिस जारी किया जाता है।

वित्तीय वर्ष 2012-13 के तहत जो मामले 31 मार्च को काल बाधित हो रहे थे, उसमें यह राहत दी गई है। इस धारा के तहत कार्यवाही इसलिए की जाती है ताकि करदाता पर ब्याज, टैक्स व अर्थ दंड लगाया जा सके। कारोबारी को इसके पहले नोटिस जारी कर सुनवाई का मौका दिया जाता है। धारा 148 के तहत नोटिस जारी होने के बाद पूरी कार्यवाही फेसलेस ही की जाती है। -संतोष कुमार गुप्ता, टैक्स सलाहकार।

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