सातवें फ्लो यूपी वीमेंस अवार्ड के नामांकन शुरू, महिलाओं के संघर्ष की कहानी बयां करते हैं पुरस्कार
फिक्की फ्लो ने सातवें फ्लो यूपी वीमेंस अवार्ड के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू कर दी है । इसमें 17 अलग-अलग वर्गों में दिए पुरस्कार जाएंगे जो महिलाओं के संघर्ष और सफलता की कहानी बयां करने वाले होंगे ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। फिक्की फ्लो के सातवें फ्लो यूपी वीमेंस अवार्ड की नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ये पुरस्कार उत्तर प्रदेश की महिलाओं के संघर्ष और उससे निकलने वाली सफलता की कहानी बताते हैं। इस अवार्ड की 17 अलग-अलग श्रेणियों के लिए अब तक अपने-अपने क्षेत्र में असाधारण कार्य करने वाली 50 महिलाओं के नामांकन भी हो चुके हैं। फिक्की फ्लो ने आम जनता के लिए आनलाइन नामांकन खोल दिया दिया है। इसमें एक महिला प्रतिभागी कई अलग-अलग श्रेणियों में भी नामांकन कर सकती है। इसके लिए महिलाएं http//bit.ly//thfloup पर नामांकन कर सकती है।
फिक्की फ्लो कानपुर की चेयरपर्सन कनिका वैद्य और लखनऊ की चेयरपर्सन आरुषि टंडन ने बताया कि फिक्की फ्लो प्रदेश महिला सशक्तीकरण के लिए काम कर रहा है। संगठन ने शहर और ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए बहुत से प्रोजेक्ट और कार्य शुरू किए हैं। इसके साथ ही महिलाओं को अपना करियर बनाने के लिए अवसर प्रदान कर रहा है। प्रोफेशनल नेटवर्क और ग्लोबल एक्सपोजर के जरिए समाज में महिलाओं की भूमिका और वृहद की जा रही है। फिक्की फ्लो मेडिसिन, कृषि, शिक्षा, पुलिस व सेना आदि क्षेत्रों में जिन महिलाओं ने असाधारण कार्य किया है, उन्हें सम्मानित कर रही है। हर वर्ष इन अवार्ड की ख्याति बढ़ रही है और पिछले वर्ष शहर, गांव व सुदूरवर्ती क्षेत्रों से 700 से ज्यादा नामांकन हुए थे।
फिक्की फ्लो अवार्ड विजेता महिलाएं
श्वेता दीक्षित : बुलंदशहर के सलेमपुर कायस्थ गांव में रहने वाली श्वेता दीक्षित प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका हैं। कोरोना में जब बच्चे स्कूल नहीं आ रहे थे तो उन्होंने घर-घर जाकर उन्हें पढ़ाया। कुछ युवा प्रेरित होकर उनसे जुड़े। 26 जनवरी 2021 को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें व उनकी टीम को सम्मानित किया।
चंद्रप्रभा शर्मा : पर्यावरण और स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही हैं। वह पुरस्कार जीतने वाले गैर सरकारी संगठन अर्थ समवर्त फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। यह संगठन 2018 में गठित किया गया था।
रेशमा बानो : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रेशमा बानो ने कोरोना के दौरान महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के बारे में खासतौर पर बताया। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण कराया और उन्हें स्तनपान के संबंध में जानकारी भी दी।