कानपुर: सहकारी समितियों में खाद की किल्लत, किसान मायूस होकर लौट रहे वापस

बिधनू कस्बे में एक सघन सहकारी और उदयपुर करौली खेरसा कठेरुआ मझवान मगरसा दहेली उजागर सीढ़ी कठोंगर पिपौरी गांवों में 10 साधन सहकारी समितियां हैं। सभी जगह खाद की किल्लत है। खाद न मिलने से किसान मायूस होकर लौटने को मजबूर हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 03:49 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 03:49 PM (IST)
कानपुर: सहकारी समितियों में खाद की किल्लत, किसान मायूस होकर लौट रहे वापस
सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध न होने से किसान निराश हैं।

कानपुर, जेएनएन। इस समय सहकारी समितियों में खाद की कमी हो गई है। बिधनू ब्लाक क्षेत्र में किसी भी सघन व साधन सहकारी समितियों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। जिसकी वजह से किसान परेशान हैं। खाद न मिलने से किसान मायूस होकर लौटने को मजबूर हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि समितियों के प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण हर वर्ष जरूरत के वक्त  डीएपी और यूरिया खाद का टोटा बना रहता है।

बिधनू कस्बे में एक सघन सहकारी और उदयपुर, करौली, खेरसा, कठेरुआ,  मझवान, मगरसा, दहेली उजागर, सीढ़ी, कठोंगर, पिपौरी गांवों में 10 साधन सहकारी समितियां हैं। दैनिक जागरण पड़ताल के दौरान किसान कल्याण, विनय, राजेश, राजबहादुर पासवान, अरुण कुमार, दिनेश कुमार का आरोप है कि समितियों के प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही के कारण हर वर्ष जरूरत के वक्त  डीएपी और यूरिया खाद का टोटा बना रहता है। किसानों को लंबी कतारें लगाकर मारामारी करने के बावजूद भी खाद नहीं मिलती है। इस वर्ष तो किसी भी साधन सहकारी में डीएपी खाद ही उपलब्ध नहीं है। कुछ समितियों में एनपीके उपलब्ध हो पा रही है। जिसकी वजह से हम लोगों को खाद के बिना ही वापस लौटना पड़ रहा है। इस समय खाद की सबसे ज्यादा जरूरत है और उसके बाद भी सहकारी समितियों के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। सभी किसान इस आस में सहकारी व सघन समिति आते हैं कि आज खाद मिल जाएगी लेकिन हर रोज अधिकारी स्टाॅक न होने का हवाला देकर अपना पलड़ा झाड़ लेते हैं। सघन सहकारी समिति बिधनू के सचिव रामसजीवन ने बताया कि एफको और कृफ्को अपने निजी वितरण केंद्रों में आपूर्ति कर रहे हैं। एक सप्ताह पहले सघन सहकारी को 18 टन डीएपी खाद उपलब्ध हुई थी। जो चार दिनों में ही खत्म ही गई। फिर से खाद की मांग की गई है। पांच दिनों में खाद मिलने की उम्मीद है।

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