कानपुर में एसीपी से अभद्रता पर फजलगंज के अतिरिक्त निरीक्षक लाइन-हाजिर, एडीसीपी पूर्वी को सौंपी गई जांच

शनिवार रात लेनदेन के विवाद में दर्शनपुरवा निवासी आशीष अग्निहोत्री को घर से बुलाकर बदमाशों ने गोली मार दी थी। स्वजन आशीष को लेकर एलएलआर अस्पताल गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। घटना करीब 10 बजे हुई थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:57 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 01:51 PM (IST)
कानपुर में एसीपी से अभद्रता पर फजलगंज के अतिरिक्त निरीक्षक लाइन-हाजिर, एडीसीपी पूर्वी को सौंपी गई जांच
यूपी पुलिस की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। फजलगंज के दर्शनपुरवा में शनिवार रात मेडिकल स्टोर कर्मी आशीष अग्निहोत्री की हत्या के तीन घंटे बाद मौके पर पहुंचे थाने के अतिरिक्त निरीक्षक उमेश यादव ने एसीपी नजीराबाद से अभद्रता की दी थी। एसीपी की शिकायत पर सोमवार रात पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने आरोपित को लाइनहाजिर कर दिया। साथ ही मामले की जांच एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा को सौंपी है।

शनिवार रात लेनदेन के विवाद में दर्शनपुरवा निवासी आशीष अग्निहोत्री को घर से बुलाकर बदमाशों ने गोली मार दी थी। स्वजन आशीष को लेकर एलएलआर अस्पताल गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। घटना करीब 10 बजे हुई थी और तुरंत ही एसीपी नजीराबाद, थाना प्रभारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन थाने के अतिरिक्त निरीक्षक (अपराध) की जिम्मेदारी संभाल रहे इंस्पेक्टर उमेश यादव नहीं आए। वह तीन घंटे बाद पहुंचे। इस पर एसीपी नजीराबाद संतोष ङ्क्षसह ने उनसे कारण पूछा और जवाब न मिलने पर फटकार लगाई। तब उमेश ने एसीपी से अभद्रता करते हुए कहा था कि जिससे शिकायत करना हो, कर लो। मैं ऐसे ही काम करता हूं। चाहे लाइनहाजिर करवा दो, इससे ज्यादा आप कर भी क्या सकते हो। एसीपी ने इंस्पेक्टर के इस बर्ताव की जानकारी पुलिस आयुक्त को दी थी। सोमवार रात पुलिस आयुक्त ने उमेश को लाइनहाजिर कर दिया। साथ ही अनुशासनहीनता के आरोप में उसके खिलाफ विभागीय जांच एडीसीपी पूर्वी सोमेंद्र मीणा को सौंपी। विभागीय कर्मचारियों ने बताया कि उमेश यादव वर्ष 2010 बैच के इंस्पेक्टर हैं। इससे पूर्व भी उन पर अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं।

छह आरोपित गए जेल, सातवें की तलाश में दबिश: आशीष हत्याकांड में पुलिस ने इलाके में रहने वाले प्रांशु गुप्ता, आशु तोमर, जय उर्फ नितेश जायसवाल, वीरू बिहारी, शिवा श्रीवास्तव, राज करिया को जेल भेजा था। सोमवार को सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस को आरोपितों के एक और साथी का भी पता लगा है। उसी ने प्रांशु को वारदात के लिए उकसाया था। पुलिस उस साथी की भी तलाश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक वह क्षेत्र में सट्टा व जुआ भी खिलवाता है।

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