अपनों ने मुंह फेरा, डॉक्टर-कर्मचारी बने सहारा

बच्ची के जन्म के बाद मां ने दम तोड़ दिया और पिता अस्पताल में छोड़कर चला गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 01:30 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 01:30 AM (IST)
अपनों ने मुंह फेरा, डॉक्टर-कर्मचारी बने सहारा
अपनों ने मुंह फेरा, डॉक्टर-कर्मचारी बने सहारा

जागरण संवाददाता, कानपुर: 'जाको राखे साइयां मार सके ना कोई बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय' दोहे को पूरी तरह से चरितार्थ किया दो माह की नवजात बच्ची ने। जन्म देते ही बच्ची की मां ने दम तोड़ दिया। उसके पिता ने एक दिन की नवजात को हैलट के बाल रोग अस्पताल में भर्ती कराने के बाद मुंह फेर लिया। ऐसे में अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी सहारा बने। दिनरात उसकी देखभाल की। जब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ हो गई तो उसे सोमवार को बाल कल्याण समिति के न्याय पीठ के अध्यक्ष के आदेश पर विशेष दत्तक इकाई की काउंसलर को सौंप दिया।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के हैलट की 100 बेड मेटरनिटी विग में कोरोना संक्रमित अनीता भर्ती हुईं थीं। उन्होंने एक जनवरी 2021 को बच्ची को जन्म देने के बाद दम तोड़ दिया। नवजात के पिता ने उसे बाल रोग के एनआइसीयू में बेबी ऑफ अनीता के नाम से भर्ती कराया। भर्ती कराने के बाद नवजात को छोड़कर चले गए। अस्पताल प्रशासन ने हैलट पुलिस चौकी एवं स्वरूप नगर थाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन घर का पता नहीं चल सका। बच्चे के अभिलेखों में दर्ज मोबाइल नंबर पर भी संपर्क किया, लेकिन वह बंद मिला। न्याय पीठ के अध्यक्ष के आदेश पर सोमवार को बाल रोग अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनीष यादव एवं बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव की मौजूदगी में बच्ची को नौबस्ता क्षेत्र के राजीव विहार की विशेष दत्तक इकाई की काउंसलर मंजूलता दुबे को सौंप दिया गया। भर्ती कराने के बाद नवजात को छोड़कर चले गए। अस्पताल प्रशासन ने हैलट पुलिस चौकी एवं स्वरूप नगर थाना पुलिस को सूचना दी, लेकिन घर का पता नहीं चल सका।

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