कागजों में बंद थी पर हकीकत में चलती मिलीं फतेहपुर की ये दो फैक्ट्रियां

चौडगरा औद्योगिक क्षेत्र में कागज पर बंद फैक्ट्रियों से प्रदूषण फैलने की जागरण की खबर को संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने मंगलवार को कार्रवाई की। दो बंद फैक्ट्रियों में छापा मारा गया तो यहां पर भारी मात्रा में चमड़ा डंप मिला है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 06:38 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:38 PM (IST)
कागजों में बंद थी पर हकीकत में चलती मिलीं फतेहपुर की ये दो फैक्ट्रियां
फैक्ट्रियों के मैनेजर ताला बंद कर फरार हो गए

कानपुर, जेएनएन। चौडगरा औद्योगिक क्षेत्र में कागज पर बंद फैक्ट्रियों से प्रदूषण फैलने की जागरण की खबर को संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने मंगलवार को कार्रवाई की। दो बंद फैक्ट्रियों में छापा मारा गया तो यहां पर भारी मात्रा में चमड़ा डंप मिला है। प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान अन्य कई फैक्ट्रियों के मैनेजर ताला बंद कर फरार हो गए। 

जागरण ने 20 सितंबर को किसानों का दर्द दिखाते हुए पराली पर मुकदमा, फैक्ट्रियों पर मेहरबानी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस खबर में कई सालों से कागज में बंद पड़ी फैक्ट्रियों से धुआं निकलने का खुलासा किया गया था। एसडीएम आशीष कुमार ने इसे संज्ञान लिया। इस पर कानूनगो दिनेश मिश्रा व लेखपाल शुभम ङ्क्षसह व औंग पुलिस की संयुक्त टीम को जांच सौंपी। मंगलवार थाना प्रभारी केशव वर्मा जांच दल के साथ मौके पर पहुंचे। हाईवे पर रानीपुर गांव के सामने बंदर पड़ी फैक्ट्री चार ब्वायलर  में चमड़ा जलता हुआ मिला। यहां पर कई ट्रक चमड़ा डंप है। टीम ने कार्रवाई करते हुए दोनों फैक्ट्रियों में काम करने वाले श्रमिकों को बाहर निकाल कर सीज कर दिया। कार्रवाई के बाद थाना प्रभारी केशव वर्मा ने बताया श्रमिकों ने पूछताछ में बताया कि चमड़े को जलाकर यहां पर जैविक खाद बनाई जा रही है। अब यह जांच का विषय है कि जैविक खाद बन रही थी या कुछ और बन रहा है। दोनों बंद फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी। कानूनगो ने कहाकि बंद फैक्ट्री कानपुर नगर के किदवई नगर निवासी विशाल अग्निहोत्री व आनंद प्रभा के ब्लाक कानपुर के नाम है। फैक्ट्री क्षेत्रफल करीब 17 बीघा है। इस गाटा संख्या में एक फैक्ट्री और जो चालू हालत में है। 

बहराइच के श्रमिक कर रहे थे काम 

एक फैक्ट्री में लगे चार ब्वायलर में चमड़े को टंकियों में भरकर जलाया जाता है। दूसरी फैक्ट्री में जला हुआ इस चमड़े को सूखने के लिए फैलाया जा रहा है। फैक्ट्री में काम करने वाले बहराइच निवासी श्रमिक शहरुख, राज कुमार, प्रहलाद, इसराइल व प्रधान ने बताया कि यहां पर जैविक खाद बनाने के लिए चमड़े को जलाकर सुखाया जाता है। इन श्रमिकों ने मालिक का नाम नहीं बताया। कहा उनको 300 रुपये प्रतिदिन की दिहाड़ी पर रखा गया। फैक्ट्री का क्षेत्रफल बड़ा होने पर पुलिस को श्रमिकों को फैक्ट्री के बाहर निकालने में कई घंटे लग गए। 

चल रही कार्रवाई रिपोर्ट आने पर कार्रवाई 

अभी तो कार्रवाई चल रही है। टीम वापस लौटकर आएंगी और रिपोर्ट देंगी, इसके बाद कार्रवाई होगी। दोनों बंद फैक्ट्रियों में काम हो रहा था। इसका मालिक कौन है इनसे पूछताछ होगी। बंद फैक्ट्री का प्रदूषण फैलाना गंभीर मामला है। इस पर कठोर कार्रवाई होगी। आशीष कुमार एसडीएम ङ्क्षबदकी 

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