जानवरों ने नष्ट की फसल तो कर्ज अदा न कर पाया किसान, फिर फांसी लगा दी अपनी जान Jalaun News

रामपुरा थाना क्षेत्र के बाबूपुरा गांव में किसान की मौत पर परिवार में कोहराम मच गया।

By AbhishekEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 11:55 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 11:55 AM (IST)
जानवरों ने नष्ट की फसल तो कर्ज अदा न कर पाया किसान, फिर फांसी लगा दी अपनी जान Jalaun News
जानवरों ने नष्ट की फसल तो कर्ज अदा न कर पाया किसान, फिर फांसी लगा दी अपनी जान Jalaun News

जालौन, जेएनएन। बुंदेलखंड क्षेत्र में बेसहारा जानवर अब किसानों को आत्मघाती कदम उठाने के लिए मजबूर करने लगे हैं। ऐसी ही घटना रामपुरा थाना क्षेत्र के बाबूपुरा गांव में हुई है, यहां रविवार रात एक किसान ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला का अंत कर दिया। उसका शव फांसी से पेड़ पर लटका देखा तो परिवार में कोहराम मच गया और गांव मेें मातम छा गया। सूचना पर गांव आई पुलिस ने परिजनों से पूछताछ की और किसान की खुदकशी का कारण पता करने का प्रयास किया।

ग्राम बाबूपुरा निवासी 45 वर्षीय राजनारायन राठौर रविवार की रात करीब साढ़े आठ बजे घर में किसी को कुछ बिना बताए निकल गए। काफी देर तक वापस नहीं लौटे तो घरवालों को चिंता हुई। ग्रामीणों के साथ परिजनों ने तलाश शुरू की। गांव के बाहर खेतों के समीप पहुंचे तो आम के पेड़ से राजनारायन का शव लटका देखकर घरवालों में कोहराम मच गया। सूचना पर इंस्पेक्टर आरके सिंह व चौकी प्रभारी हरिकृष्ण व सिंगदार सिंह पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर परिजनों से पूछताछ की।

मवेशियों ने नष्ट कर दी थी फसल

परिजनों ने बताया कि वर्तमान में राजनारायन के पास महज तीन बीघा खेती बची थी, जिसमें एक बीघा गिरवी रखी थी। साहूकारों का करीब एक लाख रुपये का कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए उसने 15 बिसवा खेत बेच दिया था। बैंक से बने केसीसी से भी डेढ़ लाख रुपये लोन लिये थे। उन्होंने बाकी के खेत में बाजरा और तिल की फसल बोई थी, जो बेसहारा जानवरों ने नष्ट कर दी। इसे लेकर वह बेहद मानसिक तनाव में आ गए थे।

बेइज्जती होने पर रहने लगे थे उदास

बेटे धर्मेंद्र ने बताया कि पिता ने इलाहाबाद बैंक की ऊमरी शाखा से किसान क्रेडिट कार्ड से लोन लिया था। करीब डेढ़ लाख रुपये की वसूली के लिए कुछ दिन पहले बैंक स्टाफ आया था, जिसने काफी जलील किया था। इस अपमान से आहत पिता काफी उदास रहने लगे थे। जानवरों के फसल नष्ट करने के बाद से वह मानसिक तनाव में भी रहने लगे थे।

आर्थिक तंगी से जूझ रहा परिवार

राजनारायण का परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। टीन शेड के नीचे रहकर परिवार जीवन यापन करता है। ग्राम प्रधान संजीव कुमार चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री आवास आवंटित कराया था। ग्रामीणों के मुताबिक उसकी पत्नी गीता देवी का 17 साल पहले देहांत हो गया था। पहले बेटी की शादी कर दी थी और पांच माह पहले बेटे धर्मेंद्र की शादी की थी। आर्थिक तंगी के चलते छोटे बेटे अनूप की पढ़ाई बंद करा दी थी। इंस्पेक्टर आरके सिंह ने बताया कि परिजनों कर्ज के चलते किसान के खुदकशी करने की जानकारी दी है।

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