कानपुर में श्रमिक नेताओं का श्रमायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन, कृषि कानून के विरोध में उठे स्वर

संयोजक असित कुमार सिंह ने बताया कि पूरी दुनिया के मेहनतकश जनता किसान आंदोलन को लेकर कर चिंतित है लेकिन सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। भाजपा सरकार को कृषि कानून को वापस लेना होगा और कहा कि किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का हक है।

By ShaswatgEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 02:42 PM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 02:42 PM (IST)
कानपुर में श्रमिक नेताओं का श्रमायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन, कृषि कानून के विरोध में उठे स्वर
श्रमायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते लाेगों की तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के तत्वावधान में इंटक, एटक,एचएमएस, सीटू, ए आई सी सी टी यू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, के कार्यकर्ताओं ने सरकार की श्रम और किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ उपवास किया। सरकार की सद्बुद्धि के लिए और किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के कार्यकर्ताओं ने अपर श्रमायुक्त सर्वोदय नगर कार्यालय परिसर में धरना स्थल पर उपवास किया।

सरकार पर पक्षपात का लगाया आरोप

उपवास के बाद श्रमिक नेताओं ने कहा कि सरकार का पूरा दृष्टिकोण और रवैया न केवल किसान विरोधी है, बल्कि वह खुल कर पूंजीपतियों के पक्ष में है। इसी से किसान आंदोलित हैं और वे एक निर्णायक आंदोलन की ओर बढ़ रहे हैं। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से जोड़ने वाली कई सड़कों पर डटे हुए हैं। संयोजक असित कुमार सिंह ने बताया कि पूरी दुनिया के मेहनतकश जनता किसान आंदोलन को लेकर कर चिंतित है लेकिन सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। भाजपा सरकार को कृषि कानून को वापस लेना होगा और कहा कि किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का हक है।

कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद

उपवास में सर्वश्री पी एस बाजपेई, राजेश शुक्ला, असितकुमार सिंह,रामप्रकाश राय, कुलदीप सक्सेना,एस ए एम ज़ैदी, राणा प्रताप सिंह,धर्मदेव,क्षत्रिय आज़ाद, राजीव खरे, एस डी निगम, मो खालिद,मो जर्रार खान, दिनेश सिंह भोले, राजेन्द्र शुक्ल, प्रताप साहनी,मिथिलेश पांडेय,ओमप्रकाश, दीपक साहू, विकास सिंह आदि मौजूद रहे।

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