फर्रुखाबाद: जिस फर्जी शिक्षिका के निधन की भेजी गई थी सूचना, उसके जिंदा मिलने की खबर ने विभाग को चौंकाया

Fake Teacher Case in UP दस्तावेजों की जांच में नवाबगंज ब्लाक के नया गनीपुर में तैनात शिक्षिका सुमन का पैनकार्ड आगरा निवासी शिक्षिका सुमन का पाया गया था। जांचकर्ता खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज ललित मोहन पाल की रिपोर्ट में शैक्षिक प्रमाण पत्र भी फर्जी बताए गए थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 10:05 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 10:05 PM (IST)
फर्रुखाबाद: जिस फर्जी शिक्षिका के निधन की भेजी गई थी सूचना, उसके जिंदा मिलने की खबर ने विभाग को चौंकाया
फर्जी शिक्षिका के जिंदा के मिलने से संबधित खबर की प्रतीकात्मक फोटाे।

फर्रुखाबाद, जेएनएन। Fake Teacher Case in UP  शैक्षिक अभिलेख और पैनकार्ड फर्जी पाए जाने पर नोटिस के जवाब में अपना पक्ष न रखने वाली जिस शिक्षिका के निधन की सूचना बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भेजी गई, वह सही सलामत है। अब उसके जिंदा होने की जानकारी विभाग को भेजी गई है। दैनिक जागरण ने जब फर्जी शिक्षिका के घर पहुंचकर उसका पक्ष जानना चाहा तो स्वजन ने बीमार होने की बात कह उसे सामने नहीं आने दिया। 

यह है पूरा मामला : दस्तावेजों की जांच में नवाबगंज ब्लाक के नया गनीपुर में तैनात शिक्षिका सुमन का पैनकार्ड आगरा निवासी शिक्षिका सुमन का पाया गया था। जांचकर्ता खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज ललित मोहन पाल की रिपोर्ट में शैक्षिक प्रमाण पत्र भी फर्जी बताए गए थे। शिक्षिका को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी करते हुए अपना पक्ष रखने को बुलाया था। इसके लिए चार बार तारीखें दी गईं। चौथी बार तय तारीख 19 जुलाई को भी वह नहीं आई। एक पत्र के माध्यम से उसकी मौत हो जाने की सूचना दी गई। यह मामला चर्चा में आया तो गुरुवार को शिक्षा विभाग को सुमन के जिंदा होने का पत्र भेज दिया गया। शुक्रवार को दैनिक जागरण ने राजीव गांधी नगर में सुमन के घर पर उससे जानकारी करनी चाही तो स्वजन ने तबीयत खराब होने की बात कहकर मिलने नहीं दिया। पता पता चला कि सुमन के भाई ने उसकी नौकरी लगवाई थी, जो कन्नौज में शिक्षक है। सुमन की भाभी सुशीला देवी भी फर्रुखाबाद में प्राथमिक विद्यालय में तैनात थी। अभिलेख फर्जी मिलने पर उसे बर्खास्त किया जा चुका है। सुमन का भाई कमालगंज ब्लाक के गांव रजीपुर में मकान बनवाकर रह रहा है। पड़ोसियों ने बताया कि तीन-चार दिन से उसके घर में ताला पड़ा है। सुमन के ससुरालीजन ने बताया कि उसके भाई ने ही नौकरी लगवाई थी। पैनकार्ड मामले की जांच शुरू हुई तो भाई ने कहा था कि वह मामला निपटवा देगा। उसी ने सुमन की मौत होने की सूचना भिजवाई थी। जब उन्हें जानकारी हुई तो जिंदा होने की जानकारी भेजी। 

वेतन के रूप में ले चुकी 50 लाख, विभागीय कार्रवाई पर सवाल: फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी कर रही शिक्षिका के मामले में विभागीय कार्रवाई पर सवालिया निशान लग रहे हैं। सुमन ने अब तक करीब 50 लाख रुपये से अधिक का वेतन हासिल किया है। सवाल है, उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज क्यों नहीं कराया जा रहा है। नाटकीय ढंग से सुमन को कभी कोरोना होने, कभी मौत तो कभी जिंदा होने की जानकारी भेजने वाले लोग कौन हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई अब तक क्यों नहीं हुई? 

इनका ये है कहना: पूरे प्रकरण की गोपनीय जांच करवाई जा रही है। खंड शिक्षा अधिकारी की जांच रिपोर्ट में शिक्षिका के अभिलेख फर्जी होने की बात है। शिक्षिका को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है। प्रभावी कार्रवाई की जाएगी। - लालजी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी। 

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