कानपुर में ओवरलोडिंग में अब नहीं चल सकेगा फर्जी नंबर प्लेट का खेल

आरटीओ उसी आधार पर चालान ऑनलाइन भेजा देता है। इससे असली वाहन स्वामी अपनी शिकायत लेकर एनएचएआइ दफ्तर के चक्कर लगाते हैं। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती तो कोर्ट का सहारा लेते हैं लेकिन वाहन में फास्टैग् लगाने पर वाहन के कागजात और आधार कार्ड देना होता है।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 02:54 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 02:54 PM (IST)
कानपुर में ओवरलोडिंग में अब नहीं चल सकेगा फर्जी नंबर प्लेट का खेल
फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहन चालक निकल नहीं सकता है

कानपुर, जेएनएन। टोल से निकलने वाली ओवरलोड वाहन चालक अब खेल नहीं कर पाएंगे, क्योंकि सभी गडिय़ों में अब फास्टैग अनिवार्य हो चुका है। इससे मशीन स्कैन करते ही कंप्यूटर में वाहन का नंबर आ जाएगा। इससे ओवरलोडिंग कम होने की उम्मीद है। कानपुर से जुड़े टोल में सबसे ज्यादा ओवरलोड वाहन घाटमपुर के अलियापुर टोल से गुजरते हैं। यहां से निकलने वाले ओवरलोड वाहन चालक एक से डेढ़ किमी पहले रूक कर नंबर प्लेट को बदल देते हैं। चूंकि टोल कर्मचारियों को वाहनों के कागजात जांचने का अधिकार नहीं है।

इस वजह से सीसीटीवी के आधार पर नंबर नोट कर आरटीओ को दी जाती है। आरटीओ उसी आधार पर चालान ऑनलाइन भेजा देता है। इससे असली वाहन स्वामी अपनी शिकायत लेकर एनएचएआइ दफ्तर के चक्कर लगाते हैं। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं होती तो कोर्ट का सहारा लेते हैं, लेकिन वाहन में फास्टैग् लगाने पर वाहन के कागजात और आधार कार्ड देना होता है। उसी आधार पर फास्टैग मिलता है। कानपुर देहात बारा जोड़ टोल प्लाजा के मैनेजर मनोज शर्मा ने बताया कि फास्टैग में गाड़ी का नंबर रजिस्टर्ड होता है। गाड़ी टोल पर आते ही कंप्यूटर में नाम और पता आ जाता है। इस वजह से फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहन चालक निकल नहीं सकता है। 

chat bot
आपका साथी