फर्जी आधार कार्ड केस में प्रयुक्त आइडी निकलवा रही कानपुर पुलिस, जाजमऊ में पकड़ा गया था गिरोह
पिछले वर्ष दिसंबर में पुलिस ने जाजमऊ के कैलाशनगर स्थित साइबर कैफे में छापा मारकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले शैलेंद्र साहू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद कैफे संचालक सुनील पाल फरार हो गया था।
कानपुर, जेएनएन। चकेरी में साइबर कैफे से फर्जी आधार कार्ड बनवाने वालों का पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है। मौके पर मिले सवा सौ ज्यादा फर्जी आधार कार्डों को बनवाने में जिन दस्तावेजों का प्रयोग किया गया, उन्हें हासिल करने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से पत्राचार किया गया है। जल्द ही दस्तावेज मिलने की उम्मीद है।
पिछले वर्ष दिसंबर में पुलिस ने जाजमऊ के कैलाशनगर स्थित साइबर कैफे में छापा मारकर फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले शैलेंद्र साहू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसके बाद कैफे संचालक सुनील पाल फरार हो गया था। इस दौरान पुलिस ने बड़ी संख्या में निवास प्रमाणपत्र, फर्जी आधार कार्ड, मोहरें, पहचानपत्र, लैपटाप, डेस्कटाप आदि उपकरण बरामद किए थे। जांच में पता लगा था कि 37 निवास प्रमाणपत्र एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर पर जारी कराए गए थे। उन सब प्रमाणपत्रों में नाम, पते अलग-अलग थे। पुलिस ने उन नाम, पतों का सत्यापन शुरू किया, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। कुछ दस्तावेज असम के निवासियों के सामने आए थे। इससे पुलिस को रोहिंग्या कनेक्शन होने की आशंका प्रतीत हुई थी। पिछले दिनों डीसीपी पूर्वी ने जांच आगे बढ़ाने के आदेश दिए। तब पुलिस ने फर्जी आधार कार्डों का ब्योरा निकलवाने के लिए डाकघर और लखनऊ स्थित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से पत्राचार किया। चकेरी इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी ने बताया कि जल्द ही आधार कार्डों को बनवाने में इस्तेमाल हुए दस्तावेज मिलने की उम्मीद है। इसके बाद कुछ और नाम, पतों का सत्यापन कराकर कार्रवाई की जाएगी।