RTE से दाखिला दिलाने में हुए असफल, 6078 बच्चों की निकली लाटरी, प्रवेश महज 250

गौर करने वाली बात है कि कुल लाटरी के 10 फीसद प्रवेश भी नहीं हुए। दरअसल निजी स्कूल संचालकों के लिए विभाग से 25 फीसद सीटों पर प्रवेश के आदेश तो हर साल जारी होते हैं लेकिन प्रबंधकों की मनमानी के चलते दाखिले नहीं हो पाते

By Akash DwivediEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 04:03 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 04:03 PM (IST)
RTE से दाखिला दिलाने में हुए असफल, 6078 बच्चों की निकली लाटरी, प्रवेश महज 250
अधिकारी और कॢमयों की फौज अब तक प्रवेश महज 250 ही करा पाई

कानपुर, जेएनएन। निजी स्कूलों में जिन गरीब बच्चों का दाखिला कराने को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर भले यह दावा करते हों कि अधिक से अधिक प्रवेश कराए जाएंगे। उसकी हकीकत चौंकाने वाली है। इस सत्र में तीन अलग-अलग चरणों में लाटरी तो कुल 6078 बच्चों की निकली, मगर अधिकारी और कॢमयों की फौज अब तक प्रवेश महज 250 ही करा पाई है। इतने कम प्रवेश को लेकर सवाल करने पर विभागीय जिम्मेदारों का कहना था, कि प्रवेश का कोई समय नहीं होता। लेकिन, गौर करने वाली बात है कि कुल लाटरी के 10 फीसद प्रवेश भी नहीं हुए। दरअसल निजी स्कूल संचालकों के लिए विभाग से 25 फीसद सीटों पर प्रवेश के आदेश तो हर साल जारी होते हैं, लेकिन प्रबंधकों की मनमानी के चलते दाखिले नहीं हो पाते।

35 से 40 फीसद अभिभावक खुद नहीं कराते प्रवेश : जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि जिले में 35 से 40 फीसद अभिभावक ऐसे हैं, जो नामचीन स्कूलों में प्रवेश न मिलने की वजह से बच्चों का दाखिला नहीं कराते हैं। इसलिए जिले में अब जो प्रवेश होंगे, उनकी संख्या 2500 से 3000 के बीच रह सकती है। हालांकि, बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर 250 का आंकड़ा 2500 तक पहुंच पाएगा या नहीं, ये कोई नहीं जानता।

आंकड़े देते गवाही

पहले चरण में कुल बच्चों की लाटरी निकली : 3525 दूसरे चरण में कुल बच्चों की लाटरी निकली : 1985 तीसरे चरण में कुल बच्चों की लाटरी निकली : 568

इनका ये है कहना

आरटीई से अधिक से अधिक प्रवेश कराने के लिए अधीनस्थों को निर्देश दे रखे हैं। लापरवाही क्यों हो रही है, इसकी जानकारी कर कार्रवाई करेंगे। - डा.पवन तिवारी, बीएसए 
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