कानपुर में यातायात विभाग के दो कर्मचारियों से तलब किया गया स्पष्टीकरण, हस्ताक्षर करने के बाद हो जाते थे गायब

कोविड को देखते हुए सरकार ने पहले ही विभागों में पचास फीसद से भी कम कर्मचारियों से काम लेने के लिए कहा है ताकि शराीरिक दूरी का उल्लंघन न हो सके। इसके लिए अलग-अलग दिन कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 03:28 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 03:28 PM (IST)
कानपुर में यातायात विभाग के दो कर्मचारियों से तलब किया गया स्पष्टीकरण, हस्ताक्षर करने के बाद हो जाते थे गायब
कानपुर नगर निगम के दफ्तर में कार्य करते कर्मचारियों की प्रतीकात्मक तस्वीर।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना संकट के समय नगर निगम के कई कर्मचारी लापरवाही का प्रमाण दे रहे हैं। ये लोग सुबह दफ्तर आकर हस्ताक्षर करने के बाद चले जात हैं और इस तरह बिना काम किए ही वेतन ले रहे हैं। इससे विभागीय कार्य काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। कई मामले पकड़ में आने के बाद इसकी गहनता से जांच कराई जा रही है। यातायात विभाग में दो कर्मचारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। 

कोविड को देखते हुए सरकार ने पहले ही विभागों में पचास फीसद से भी कम कर्मचारियों से काम लेने के लिए कहा है ताकि शराीरिक दूरी का उल्लंघन न हो सके। इसके लिए अलग-अलग दिन कर्मचारियों की ड्यूटी तय की गई है। हालांकि अफसरों के पीए और स्टॉफ को रोज आने का आदेश है। ऐसे में रोज न आने के बाद भी कई कर्मचारी काम के नाम पर हस्ताक्षर करके गायब हो जाते हैं। बाद में उनके अफसर ढूंढ़ते रहते हैं।

यातायात विभाग के कनिष्ठ लिपिक सुमित सेठ बिना सक्षम स्तर से अवकाश स्वीकृत किए और कार्यालय को बिना सूचना दिए गायब हो गए। इतना ही नहीं इसके बाद उन्होंने माेबाइल फाेन भी स्विच ऑफ कर दिया। बाद में पता चला कि पहले भी कई बार बिना अफसरों को बताए वे गायब हो जाते थे। लापरवाही बरतने में स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसी कड़ी में यातायात विभाग के बेलदार मोहम्मद जाहिद उपस्थित पंजिका में में हस्ताक्षर करके घर चले गए। आला अफसरों को जानकारी तक नहीं दी गई। इससे विभागीय कार्य बाधित हुआ। मामला पकड़ में आने पर स्पष्टीकरण तलब किया है। प्रकाश में आए कर्मचारी व अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। ऐसा माना जा रहा है कि लापरवाह लोगों पर कार्रवाई होना तय है। 

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