आपदा में अपनी व्यक्तिगत समस्याओं से जूझकर भी इन पुलिस कर्मियों ने फर्ज को दी प्राथमिकता
बाबूपुरवा इंस्पेक्टर देवेंद्र विक्रम सिंह को बुखार आया था। उन्होंने खुद परिवार से अलग किया और दवाएं लीं। उन्हेंं तो राहत मिल गई लेकिन पत्नी और बेटे को बुखार आ गया। उन्होंने पत्नी-बच्चे को अलग-अलग कमरे में आइसोलेट कराया और नौकरी के साथ-साथ परिवार की सेवा भी शुरू की।
कानपुर, जेएनएन। आपदा के इस दौर में पुलिसकर्मी अपनी व्यक्तिगत समस्याओं से जूझकर जी-जान से फर्ज निभाने में जुटे हैं। किसी के घर में मां बीमार है, तो किसी की पत्नी और बच्चे। रिश्तेदारों की मदद का भी भार है, लेकिन हर समस्या से जूझते हुए पुलिसकर्मी समय होते ही घर से निकल पड़ते हैं, ये कहते हुए कि ड्यूटी पर जा रहा हूं, अपना ख्याल रखना। ड्यूटी के बाद बचे वक्त में अपनों की सेवा करते हैं।
पिछले दिनों बाबूपुरवा इंस्पेक्टर देवेंद्र विक्रम सिंह को बुखार आया था। उन्होंने खुद परिवार से अलग किया और दवाएं लीं। उन्हेंं तो राहत मिल गई, लेकिन पत्नी और बेटे को बुखार आ गया। उन्होंने पत्नी-बच्चे को अलग-अलग कमरे में आइसोलेट कराया और नौकरी के साथ-साथ परिवार की सेवा भी शुरू की। देवेंद्र विक्रम बताते हैं कि पत्नी की तबीयत में सुधार है, बेटे की दवाइयां चल रही हैं। इसी तरह कर्नलगंज थाने में तैनात एक सिपाही राजीव भाटी का घर नोएडा में है। सात दिन पूर्व भाई की तबीयत बिगड़ गई। स्वजन अस्पताल ले गए, लेकिन कहीं बेड नहीं मिला। इसी बीच उनका ऑक्सीजन लेवल कम हो गया। कहीं से व्यवस्था नहीं हुई तो राजीव ने एसीपी कर्नलगंज से एक दिन की छुट्टी मांगी और खुद ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था कर नोएडा देकर आए। वहां से आने के बाद फिर ड्यूटी ज्वाइन कर ली। वहीं कर्नलगंज इंस्पेक्टर प्रभुकांत की गोरखपुर निवासी भतीजी पिछले कई दिन से बीमार थी। परिवार को उनकी जरूरत थी, लेकिन वह फर्ज निभाते रहे और रिश्तेदारों के माध्यम से मदद पहुंचाई। गुरुवार को भतीजी का निधन हो गया। इसके बाद वह छुट्टी लेकर गोरखपुर रवाना हुए।
इनका ये है कहना
आपदा में स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मियों पर बहुत दारोमदार है। तमाम पुलिसकर्मी परिवार में परेशानी के बावजूद ड्यूटी कर रहे हैं। यदि किसी को जरूरत होती है छुट्टी मंजूर की जाती है। पुलिसकर्मियों के स्वजन के लिए पुलिस लाइन में एल-वन केयर वार्ड भी बनाया गया है। सभी पुलिसकर्मियों से अपील है कि वह सर्दी बुखार को हल्के में न लें और तुरंत जांच कराएं।डॉ. अनिल कुमार, एडीसीपी