कानपुर में टैक्स वसूलने के बाद भी लोगों को सुविधा नहीं दे पा रहा नगर निगम, राख के ढेर में तलाश रहे जिंदगी
पिछले वर्ष से नगर निगम सलाना टैक्स की वसूली करता है। जलकल की इलाके में मात्र 60 मीटर ही पाइप लाइन पड़ी हुई है। वहीं अधिशासी अभियंता पुनीत ओझा ने बताया कि जोन स्तर में राखी मंडी के हैंडओवर के दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।
कानपुर, जेएनएन। कानपुर स्मार्ट सिटी होने के बावजूद जूही राखी मंडी विकास के नाम पर शून्य है। जबकि मंडी से सालाना नगर निगम 20 लाख व जलकल 15 लाख रुपये की वसूली करता है। इसके बाद भी लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। कई पत्र जनप्रतिनिधियों ने नगर निगम के सदन के माध्यम से यह उठाई है, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की।
राखी मंडी के आसपास के इलाके बिल्कुल विकसित हैं। जबकि राखी मंडी को बारादेवी की तरफ से बाहरी हिस्से को देखने पर इलाका विकसित लगता है। जैसे ही अंदर पहुंचे हैं तो कूड़ा करकट, जलभराव और टूटी सड़कें दिखाई पड़ती हैं। पार्षद सुनील कन्नौजिया ने बताया कि 30 मई 1978 में राखी मंडी के विकास कार्य के लिए नगर निगम को केडीए ने हैंडओवर कर दिया था। 43 वर्ष बाद भी इलाके के लोगों किसी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष से नगर निगम सलाना टैक्स की वसूली करता है। जलकल की इलाके में मात्र 60 मीटर ही पाइप लाइन पड़ी हुई है। वहीं, अधिशासी अभियंता पुनीत ओझा ने बताया कि जोन स्तर में राखी मंडी के हैंडओवर के दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं।
इनका ये है कहना 20 वर्ष से राखी मंडी में ही मजदूरी करते और यहीं रहते हैं, लेकिन आजतक सड़क, पानी और शौचालय की सुविधा से वंचित हैं। - पिंटू, राखी मंडी राखी मंडी के एक ही सामुदायिक शौचालय बना है। यह कई सालों से भरा हुआ है। दूषित पानी सड़कों पर भरा हुआ है, यहां कोई सुविधा नहीं। - रामजनम, राखी मंडी