यूरोप की परीक्षा पर खरे उतरे कानपुर के बोगी फ्रेम, इटली में तैयार मेट्रो पुणे के लिए रवाना
कानपुर शहर में बनाकर भेजे गए बोगी फ्रेम पर इटली में पहली मेट्रो तैयार करने के बाद पुणे रवाना कर दी गई है जिसे समुद्री रास्ते से आने में एक माह का समय लगेगा। अब एक-दो दिन में दूसरी ट्रेन के बोगी फ्रेम इटली भेजे जाएंगे।
कानपुर, [राजीव सक्सेना]। कानपुर में बने बोगी फ्रेम यूरोपियन मानकों पर भी खरे उतरे। पुणे मेट्रो के लिए कानपुर से भेजे गए बोगी फ्रेम पर इटली में पहली मेट्रो बनाकर उसके तीन कोच सात सितंबर को पुणे रवाना कर दिए गए हैं। समुद्र के रास्ते आने में इन्हें करीब एक माह का समय लगेगा। वहीं, कानपुर स्थित वेद सेसोमैकेनिका कंपनी एक-दो दिन में दूसरी ट्रेन के लिए बोगी फ्रेम इटली रवाना कर देगी।
पुणे में शुरू होने जा रही मेट्रो के बोगी फ्रेम कानपुर में बन रहे हैं। कानपुर की कंपनी को तीन-तीन कोच वाली 32 मेट्रो ट्रेनों के लिए बोगी फ्रेम का आर्डर मिला है। अभी तक कंपनी के बोगी फ्रेम भारतीय मानकों पर परखे जाते थे। पहली बार इन्हें यूरोपियन मानकों पर परखा गया है। पुणे मेट्रो का काम टीटागढ़ फिरेमा कंपनी देख रही है। इस भारतीय कंपनी ने इटली में बोगी बनाने वाली कंपनी का अधिग्रहण कुछ समय पहले किया है। इसलिए तय हुआ था कि वेद सेसोमैकेनिका पहले तीन ट्रेन के बोगी फ्रेम इटली के प्लांट में भेजेगी, जिन्हें यूरोपियन मानकों पर जांचा जाएगा।
ट्रेन बनाने के लिए छह बोगी फ्रेम के साथ एक बोगी फ्रेम टेस्टिंग के लिए भेजा गया था। इस पर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में दबाव डाला गया और जांच की गई कि बोगी फ्रेम कितना दबाव सह सकता है। भारत में यह मानक माइनस 20 डिग्री सेल्सियस है। बोगी फ्रेम इस परीक्षण में खरा उतरा तो पहली ट्रेन के तीन कोच बनाकर पुणे रवाना कर दिए गए। यह देश की सबसे हल्की लेकिन मजबूत मेट्रो होगी।
-32 मेट्रो ट्रेनों के लिए बोगी फ्रेम का आर्डर है। एक ट्रेन में छह बोगी फ्रेम लगते हैं। पहली तीन ट्रेन के बोगी फ्रेम इसी माह इटली भेज दिए जाएंगे। इसके बाद हर माह दो ट्रेन के लिए 12 बोगी फ्रेम कोलकाता भेजे जाएंगे। इटली के बाद पुणे की मेट्रो ट्रेन वहीं बनेगी। वैसे कंपनी के पास बोगी फ्रेम के निर्माण का यूरोपियन स्टैंडर्ड ईएन 15085 पहले से है। कंपनी देश की पहली तेजस ट्रेन में अपनी विशेषज्ञता दर्शा चुकी है। -आरएन त्रिपाठी, प्रबंध निदेशक, वेद सेसोमैकेनिका