PF Scam Case: फर्जीवाड़ा रोकने को ईपीएफओ ने बदले नियम, अब आसान न होगा फोन नंबर बदलना
पीएफ घोटाले के दौरान प्रकाश में आया था कि साइबर ठगों ने अंशदाताओं से उनके मोबाइल नंबर व आधार कार्ड चालाकी से मांगे और इसके बाद नियोक्ता की मिलीभगत से ईपीएफओ में दर्ज मोबाइल नंबर बदल दिया। इस तथ्य के सामने आने के बाद ईपीएफओ ने बड़ा बदलाव किया है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। दैनिक जागरण ने पीएफ घोटाले का पर्दाफाश किया तो अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने आनलाइन सिस्टम की सुरक्षा में बड़ा बदलाव किया है। सामने आया था कि अधिकांश गोलमाल सदस्यों के मोबाइल नंबर बदलकर किए गए। ऐसे में अब मोबाइल नंबरों को बदलने की प्रक्रिया को पहले से ज्यादा अधिक सुरक्षित बनाने का प्रयास किया गया है। नए नियमों के मुताबिक अब अंशदाता ईपीएफओ में दर्ज मोबाइल नंबर को सहज नहीं बदल सकेंगे।
पीएफ घोटाले के दौरान प्रकाश में आया था कि साइबर ठगों ने अंशदाताओं से उनके मोबाइल नंबर व आधार कार्ड चालाकी से मांगे और इसके बाद नियोक्ता की मिलीभगत से ईपीएफओ में दर्ज मोबाइल नंबर बदल दिया। इस तथ्य के सामने आने के बाद ईपीएफओ ने अपने अब बड़ा बदलाव कर दिया है। अभी तक मोबाइल नंबर बदलने पर वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) नए वाले नंबर पर आता था। ऐसे में साइबर ठग आसानी से अंशदाताओं की रकम गायब कर रहे थे। मगर, अब जब कोई भी मोबाइल नंबर बदलने के लिए आनलाइन आवेदन करेगा तो वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) अंशदाता के उस मोबाइल नंबर पर पहुंचेगा, जो आधार संख्या से जुड़ा होगा।
दरअसल अभी तक साइबर ठग जैसे ही पोर्टल पर जानकारी भरकर डालते थे तो नया मोबाइल नंबर दर्ज करने का विकल्प आ जाता था। जैसे ही नया मोबाइल नंबर दर्ज किया जाता तो उस पर ओटीपी पहुंचता था। ओटीपी दर्ज करते ही नया मोबाइल नंबर ईपीएफओ पोर्टल पर दर्ज हो जाता था, जिसकी जानकारी कर्मचारी को नहीं हो पाती थी। दूसरी ओर साइबर ठग नए मोबाइल नंबर पर ओटीपी पहुंचते ही पासवर्ड बदलकर भुगतान के लिए आवेदन कर देते थे।