अफसरों की लापरवाही ने ली मजदूर की जान, 50 दिन से घर में भरा था पानी, सुनवाई न हाेने पर लगाई फांसी
पचखुरा निवासी 55 वर्षीय रामसागर पत्नी राजेश्वरी और दो बेटों- अमर व अभय व बहू के साथ रहते हैं। एक बेटी तुलसा देवी की शादी हो चुकी है। जुलाई के अंतिम तीन दिनों लगातार हुई बारिश से नगर में जलभराव हुआ था।
कानपुर, जेएनएन। घाटमपुर नगर के पचखुरा मोहल्ले में डेढ़ महीने से घर में पानी भरा होने से परेशान मजदूर ने फांसी लगाकर जान दे दी। परेशान मजदूर कई बार एसडीएम ऑफिस जाकर शिकायत कर चुका था। इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। आखिर में उसने मौत को गले लगा लिया। पुलिस ने शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
पचखुरा निवासी 55 वर्षीय रामसागर पत्नी राजेश्वरी और दो बेटों- अमर व अभय व बहू के साथ रहते हैं। एक बेटी तुलसा देवी की शादी हो चुकी है। जुलाई के अंतिम तीन दिनों लगातार हुई बारिश से नगर में जलभराव हुआ था। इस दौरान रामसागर के घर में भी पानी भर गया था। समय बीतने पर कई घरों से तो पानी उतर गया, लेकिन रामसागर समेत कुछ अन्य के यहां पानी भरा रहा। रामसागर ने परिवार समेत पड़ोस के एक घर के बाहर तिरपाल लगाकर आसरा बनाया था। पत्नी, बेटे और बहू समेत रात को वह खुले में तिरपाल के नीचे रह रहा था। पत्नी राजेश्वरी ने बताया कि बीते डेढ़ महीने में कई बार वह एसडीएम के पास शिकायत लेकर पहुंचे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उससे कहा गया कि लेखपाल आकर मौका-मुआयना करेंगे, लेकिन आजतक न लेखपाल पहुंचे और न ही कोई अधिकारी। इसके चलते रामसागर परेशान रहते थे। मंगलवार रात उन्होंने उसी पानी भरे घर में जाकर फांसी लगा ली। बेटों ने देखा तो पुलिस को सूचना दी। इसके बाद शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
जनप्रतिनिधि और अधिकारी बने अनजान : मामले में संबंधित अधिकारियों से बात करूंगा। लेखपाल के न पहुंचने और मुआवजा न मिलने का कारण भी पता लगाया जाएगा। पीड़ित परिवार को हर संभव मदद दिलाई जाएगी। - उपेंद्र पासवान, विधायक मामला मेरी जानकारी में नहीं है। उस दौरान जिनके घरों में पानी भरा था उन्हें आसरा आवास में रुकाया गया था। रामसागर का परिवार कैसे रह गया इसकी जानकारी नहीं है। पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की जाएगी। - अरुण कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम परिवार में तेरहवीं कार्यक्रम के चलते नगर में नहीं हूं। वापस लौटकर मामले को दिखवाया जाएगा। नगर पालिका की ओर से हर जगह से जलभराव खत्म करने की पूरी कोशिश की गई है। मुनादी करवाकर जिनके घर डूबे थे उन्हें आसरा आवास में टिकवाकर भोजन-पानी की व्यवस्था की गई थी। रामसागर का परिवार कैसे रह गया इसका पता लगाया जाएगा। - उमेश मिश्रा, नगर पालिका ईओ