पितृ पक्ष से पहले रजिस्ट्री कराने की मची रही होड़, छह दिन में 11.88 करोड़ की आय
कानपुर शहर में 20 सितंबर से शुरू हुए पितृ पक्ष से पहले भूखंड की रजिस्ट्री कराने के लिए आवेदकों की होड़ मची रही। बीते छह दिन के आंकड़े देखने पर सामने आया है कि 1439 रजिस्ट्रियां हुई हैं और 11.88 करोड़ की राजस्व आय हुई है।
कानपुर, जेएनएन। पूर्णिमा का श्राद्ध 20 सितंबर से जबकि प्रतिपदा का श्राद्ध यानी पितृ पक्ष 21 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में शुभ कार्य के साथ ही संपत्ति की खरीद-फरोख्त भी बंद हो जाती है। इसे देखते हुए रजिस्ट्री कार्यालय में रजिस्ट्री कराने की होड़ मची है। वर्तमान में हर दिन दो से ढाई सौ रजिस्ट्री हो रही हैं। इससे साफ है कि कोविड के बाद से अब लोगों ने संपत्ति में निवेश शुरू कर दिया है। बीते छह दिनों के आंकड़ों की बात करें तो 1,439 बैनामे पंजीकृत हुए और इससे 11.88 करोड़ रुपये की आय हुई। बीते वर्ष यह आंकड़ा कोविड के चलते काफी कम था। पितृ पक्ष से ठीक पहले के छह दिनों में करीब 1210 रजिस्ट्रियां हुईं थीं, लेकिन यह सब छोटी संपत्तियों से जुड़ी रजिस्ट्रियां थीं। निबंधन को उस दौरान 5.89 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था जो वर्तमान में प्राप्त राजस्व का करीब आधा है।
क्या कहते हैं अधिवक्ता
बीते वर्ष कोविड के डर से लोगों ने संपत्ति में निवेश बंद कर दिया था। रजिस्ट्री कार्यालय के चारों जोन में 10 से 15 रजिस्ट्रियां ही हो रहीं थीं। अब एक बार फिर लोगों ने निवेश शुरू किया है। -अश्वनी आनंद, वरिष्ठ अधिवक्ता
रजिस्ट्री का काम एक बार फिर बढ़ गया है। कोविड के दौरान 15 दिनों में दो से तीन रजिस्ट्रियां ही कराते थे। हालात सामान्य होने से सप्ताह में आठ से 10 रजिस्ट्रियां करा रहे हैं। -शिवाकांत दीक्षित, अधिवक्ता
2021 में पितृ पक्ष से छह दिन पहले हुए बैनामे
जोन- रजिस्ट्री- आय
एक- 115- 120.30 (लाख में)
दो- 250- 380.03
तीन- 402- 385.97
चार- 302- 257.66
घाटमपुर- 139- 18.90
बिल्हौर- 240- 25.66
2020 में पितृ पक्ष से छह दिन पहले हुए बैनामे
जोन- रजिस्ट्री -आय
एक- 100- 78.69
दो -140- 110.59
तीन- 310- 202.34
चार- 225- 120.81
घाटमपुर- 200- 50.07
बिल्हौर- 235- 26.66
-ऐसा पहली बार नहीं है कि पितृ पक्ष से पहले बैनामा कराने वालों की भीड़ बढ़ी है। ऐसा पहले भी होता रहा है। बीते वर्ष कोविड के चलते बैनामा कराने वालों की संख्या कुछ कम थी। इस वर्ष अधिक आय हुई है। -अरुणेश नारायण शर्मा, एआइजी स्टांप