कानपुर में सामने आई बिजली विभाग की लापरवाही, खंभों पर लटकते तार राहगीरों के लिए बन सकते जानलेवा
Electricity department बिधनू स्थित दक्षिणांचल विद्युत वितरण उपकेंद्र से 150 गांवों को बिजली आपूर्ति की जा रही है। जिनमें जामू नई बस्ती कुटिया रामपुर देवसड़ नई बस्ती कठेरुआ कालोनी माधवपुरवा ह्र्दयपुर समेत दर्जनों गांवों में विद्युतीकरण नहीं हो सका।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बिजली विभाग की उदासीनता के चलते बिधनू ब्लाक के तमाम गांवों में आज भी बांस- बल्ली के सहारे बिजली आपूर्ति हो रही है। सालों से ग्रामीण उपभोक्ता बांस- बल्लियां गाड़कर उनके सहारे बिजली के तार घरों तक ले जाने को मजबूर हैं। जर्जर बांस बल्लियां कब धराशायी हो जाएं कोई नहीं जानता। एक तरफ तेज हवा चलते ही फाल्ट होने से घरों की बिजली गुल हो जाती है, वहीं इन बांस बल्लियों पर फैले तारों के जाल के नीचे से गुजरने वाले रहागीरों को खतरा बना रहता है
बिधनू स्थित दक्षिणांचल विद्युत वितरण उपकेंद्र से 150 गांवों को बिजली आपूर्ति की जा रही है। जिनमें जामू नई बस्ती, कुटिया रामपुर, देवसड़ नई बस्ती, कठेरुआ कालोनी, माधवपुरवा, ह्र्दयपुर समेत दर्जनों गांवों में विद्युतीकरण नहीं हो सका। ग्रामीण उपभोक्ता कनेक्शन लेने के बाद काफी दूर से बांस बल्ली लगाकर उनके सहारे घरों तक तार लाने को मजबूर हैं। काफी समय पहले ग्रामीणों द्वारा लगाए गए बांस बल्ली सड़ चुके हैं, जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। इनपर बिछे हुए तार काफी नीचे आ चुके हैं जिससे राहगीरों की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। अक्सर तारों के उलझे होने की वजह से लोकल फाल्ट होने से आपूर्ति बाधित होती रहती है। जब भी तेज हवा चलती है, आसपास के लोगों को फाल्ट होने की चिंता सताने लगती है। वहीं रहागीरों के सिर पर खतरा मंडराता रहता है। आज भी विभाग इन्हीं जर्जर बांस-बल्ली के सहारे आपूर्ति कर रहा है। उपभोक्ताओं से नियत समय पर बिल की वसूली के लिए विभाग अभियान तो चलाता है, लेकिन लोगों की समस्याएं निस्तारित करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है। इतना ही नहीं कई बार लोगों ने विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग भी की, लेकिन विभाग ने एक न सुनी। उपभोक्ता सत्य नारायण त्रिवेदी, ज्ञान प्रकाश, किशन लाल पासवान, मुन्नी देवी , महेश सोनकर, संजू पासवान, दिलीप पासवान समेत दर्जनों उपभोक्ताओं ने विभाग के अधिकारियों से विद्युतीकरण कराने की मांग की गई, लेकिन किसीने ध्यान नहीं दिया। यह समस्या बीते कई दशकों से बनी हुई है, बावजूद विभागीय अधिकारी इससे अंजान बने हुए है।
इनका ये है कहना
विद्युतीकरण से अछूते गांवों का इस्टीमेट बनाकर भेजा गया है। जल्द ही सभी शेष बचे गांवों का विद्युतीकरण कराया जाएगा। - विशाल जायसवाल, अवर अभियंता दक्षिणांचल विद्युत वितरण उपकेंद्र बिधनू