जून तक प्रभावी रहेगी एकमुश्त योजना, सहकारिता विभाग और सहकारी बैंक कर रहे प्रचार, जानें - इससे क्या होंगे फायदे
इसमें ऐसे ऋणों में जिनमें वास्तविक मूलधन से अधिक ब्याज लगाया जा चुका है उसमें मूलधन और उतना ही ब्याज जमा कर योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें दंड ब्याज संग्रह शुल्क माफ किया जाएगा। किस शाखा में कितने कर्जदार हैं और कितना कर्ज है इसकी सूची मांगी गई है।
कानपुर, जेएनएन। सहकारिता विभाग और जिला सहकारी बैंक ने ऋण लेने वाले किसानों का ब्याज, अर्थदंड और संग्रह शुल्क को माफ करने का निर्णय लिया है। एकमुश्त समझौता योजना 30 जून 2021 तक के लिए लाई गई है। इसके लिए सभी शाखाओं से सूची बनाने के लिए कहा गया है कि किस शाखा में कितने ऋणधारक हैं और कितना धन ऋण पर दिया गया है।
इस योजना के तहत वर्ष 1997 से पहले के फसली ऋण में किसान द्वारा लिए गए ऋण में बचे मूलधन को जमाकर एकमुश्त समझौता योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें सारा ब्याज, दंड ब्याज, संग्रह शुल्क माफ किया जाएगा। वहीं वर्ष 1997 से 31 मार्च 2012 के बीच दिए गए फसली ऋण में किसानों को दिए गए मूलधन के बराबर ब्याज की वसूली करके योजना का लाभ दिया जाएगा। इसका मतलब मूलधन के बराबर ब्याज घटाने के बाद बाकी ब्याज, दंड ब्याज, संग्रह शुल्क ही माफ होगा। एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच बांटे गए फसली ऋण जो तीन वर्ष से अधिक समय से बकाया हैं, उसमें बकाएदार पर लगे ब्याज का 50 फीसद माफ कर योजना में शामिल किया जाएगा। इसमें ब्याज का 50 फीसद, दंड ब्याज, संग्रह शुल्क माफ किया जाएगा। यह योजना तीन लाख तक की सहकारी समितियों के संबंध में है। वहीं 20 लाख रुपये तक के व्यक्तिगत और 10 करोड़ रुपये तक के संस्थागत कर्जदारों के लिए भी योजना है। इसमें ऐसे ऋणों में जिनमें वास्तविक मूलधन से अधिक ब्याज लगाया जा चुका है, उसमें मूलधन और उतना ही ब्याज जमा कर योजना का लाभ दिया जाएगा। इसमें दंड ब्याज, संग्रह शुल्क माफ किया जाएगा।
इनका ये है कहना
एकमुश्त समझौता योजना आई है। किस शाखा में कितने कर्जदार हैं और कितना कर्ज है, इसकी सूची मांगी गई है। - एसडी सिंह, कार्यवाहक चेयरमैन, जिला सहकारी बैंक कानपुर।