कानपुर में ईदगाह प्रबंध कमेटी का फैसला, बड़ी ईदगाह में नहीं होगी ईद-उल-अजहा की नमाज
ईदगाह प्रबंध कमेटी ने बैठक के बाद कानपुर में बकरीद पर ईदगाह में नमाज न कराए जाने की घोषणा की है यह फैसला कोरोना की संभावित तीसरी लहर रोकने को लेकर लिया गया है। प्रशासन की तय संख्या के आधार पर ही अदा कर सकेंगे नमाज।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को देखते हुए बेनाझाबर स्थित बड़ी ईदगाह में ईद-उल-अजहा (बकरीद)की नमाज नहीं होगी। ईदगाह प्रबंध कमेटी ने इसकी घोषणा की है। वहीं कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी ने ईदगाहों में बड़ी संख्या में नमाज अदा न करने की अपील की है। शहरकाजी मौलाना मुश्ताक अहमद मुशाहिदी ने भी कहा है कि ईदगाहों में जितनी संख्या प्रशासन तय करे, उसी के अनुसार नमाज अदा करें।
ईद-उल-अजहा पर बड़ी ईदगाह में नमाज को लेकर शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी व ईदगाह प्रबंध कमेटी के सदस्य पुलिस कमिश्नर से मिले थे। इसके बाद ईदगाह में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए नमाज की अनुमति दे दी गई थी। इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी गई थी। कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक धार्मिक स्थलों पर वर्तमान समय में 50 लोगों को ही एक साथ प्रवेश की अनुमति है, लेकिन आशंका थी कि यदि हजारों लोग पहुंचे तो नियमों का पालन कैसे कराया जाएगा।
ऐसे में ईदगाह प्रबंध कमेटी ने ईदगाह बेनाझाबर में नमाज अदा न कराने का निर्णय लिया है। प्रबंध कमेटी की देर रात हुई बैठक के बाद जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद इमरान ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि ईदगाह में कोविड प्रोटोकाल के साथ सिर्फ पचास लोगों को नमाज अदा करने की इजाजत दी गई है, पचास लोगों का चयन करना बहुत मुश्किल है। इसीलिए ये निर्णय लिया है। नमाजियों से अपील की जाती है कि ईद-उल-अजहा की नमाज घर पर ही रहकर अदा करें ताकि कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को रोकने में कामयाबी मिल सके।