Dussehra 2021: कानपुर में व्यापारियों ने किया शस्त्र और शास्त्र पूजन, बताया- विजयदशमी पर इस पूजन का महत्व

कानपुर ग्रामीण उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष संदीप पांडेय ने कहा कि कई वर्षों से शस्त्र और शास्त्र पूजन का कार्यक्रम किया जा रहा है। कल्याणपुर चौबेपुर मंधना सहित जिले के कई क्षेत्रों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 04:48 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:48 PM (IST)
Dussehra 2021: कानपुर में व्यापारियों ने किया शस्त्र और शास्त्र पूजन, बताया- विजयदशमी पर इस पूजन का महत्व
कानपुर में सर्वसमाज शस्त्र पूजन करते हुए लाेगों की फोटो।

कानपुर, जेएनएन। व्यापारियों ने दशहरा के मौके पर शुक्रवार को शस्त्र और शास्त्र का पूजन किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में व्यापारी अपने शस्त्र लेकर कार्यक्रम में पहुंचे।

कानपुर ग्रामीण उद्योग व्यापार मंडल के तत्वावधान में दशहरा के अवसर पर जीटी रोड स्थित होटल में शस्त्र और शास्त्र पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर आदित्य श्रीवास्तव द्वारा लायी गई कलम की पूजा की गई। मयंक मिश्रा मार्कंडेय पुराण, रामचरित मानस आदि ग्रंथ लाए जिनकी पूजा की गई। इन सभी का पूजन पनकी मंदिर के महंत श्रीकृष्ण दास ने किया। इसके बाद व्यापारियों के शस्त्र जिसमें राइफल, बंदूक, रिवाल्वर, पिस्टल, तलवार, खुखरी, कटारी आदि शस्त्रों का पूजन किया गया।

इस अवसर पर कानपुर ग्रामीण उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष संदीप पांडेय ने कहा कि कई वर्षों से शस्त्र और शास्त्र पूजन का कार्यक्रम किया जा रहा है। कल्याणपुर, चौबेपुर, मंधना सहित जिले के कई क्षेत्रों में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। शस्त्र शास्त्र पूजन कर यह संदेश दिया गया कि हमारे शस्त्र पूज दिए गए हैं और हमें साल भर इन शस्त्रों को उठाने की आवश्यकता ना पड़े। सात ही सभी मांगलिक एवं सांस्कृतिक कार्य शास्त्रों के माध्यम से संपन्न हों। हम लोगों को समय-समय पर कलम की आवश्यकता पड़ती रहती है। हम लोग बिना कलम अधूरे हैं। इसलिए कमल का पूजन किया गया है। तराजू का पूजन कर यह संदेश दिया गया कि व्यापारी का असली अस्त्र तराजू होता है । शास्त्रों का पूजन कर हम समाज के अराजकतत्वों को भी यह संदेश देना चाहते हैं कि आप लोग होशियार रहो। हम व्यापारी अगर सामूहिक रूप से अपने अस्त्र शस्त्रों के साथ एकत्रित हो गए तो अराजकतत्व कानपुर छोड़ने पर मजबूर हो जाएंगे। क्षेत्र में भी किसी प्रकार की गलत हरकत कोई करने का प्रयास न करे। आयोजक नीरज सिंह, सह आयोजक जितेंद्र सिंह तथा सह संयोजक मेजर सूबेदार ओम सिंह भदौरिया थे।

कार्यक्रम में राजेश दुबे, विनोद शुक्ला, मनोज कलवानी, अन्नू सिंह, सलिल बाजपेई, उत्कर्ष गुप्ता, मिथिलेश गुप्ता, जितेंद्र पांडेय, प्रशांत मौर्य, योगेश कृष्ण, नारायण कटियार, संजय गुप्ता, देबू रमन द्विवेदी, मयंक मिश्रा रहे।

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